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आर्ट ऑफ लिविंग (AOL) भी 5 करोड़ हर्जाना नहीं चुका पाने के मामले में एनजीटी पहुंच गई है। उसने कहा है कि इतनी बड़ी राशि इतने कम समय में नहीं चुका सकते, कम से कम चार हफ्ते का समय दिया जाए। वहीं, विश्व सांस्कृतिक महोत्सव के आयोजन पर रोक लगाने की मांग वाली पर्यावरणविदों की याचिका पर भी एनजीटी आज सुनवाई करेगा।
श्री श्री रविशंकर के इस भव्य कार्यक्रम का आज भव्य शुभारंभ होना है, जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी और उनके कैबिनेट के कई मंत्री शामिल हैं। कार्यक्रम की सुरक्षा के कडे़ बंदोबस्त किए गए हैं।
गौरतलब है कि बुधवार को एनजीटी ने तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम को हरी झंडी देते हुये पर्यावरण मुआवजे के रूप में एओएल पर पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।
इस पर रविशंकर ने गुरुवार को विद्रोही रूख अख्तियार करते हुये कहा कि उनके संस्थान पर पर्यावरण उल्लंघन के लिए जो जुर्माना लगाया है, उसे चुकाने की बजाय वह जेल जाना पसंद करेंगे।
रविशंकर ने कहा, हमने कुछ भी गलत नहीं किया है। हम निष्कलंक हैं और ऐसे ही रहेंगे। हम जेल चले जांएगे लेकिन जुर्माना नहीं चुकाएंगे।
उन्होंने इस बात का भी खंडन किया था कि समारोह स्थल पर किसी पेड़ को नहीं गिराया गया और दावा किया कि पेड़ों की केवल छंटाई की गयी है और उन्होंने खादर को समतल किया है।