विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल के छात्रों ने स्वतंत्रता दिवस समारोह में भरा जोश

विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल के छात्रों ने स्वतंत्रता दिवस समारोह में भरा जोश
vidyasagar international school

todaybhaskar.com
faridabad। ‘जन-गण-मन-अधिनायक जय हे’, जैसे ही राष्ट्रीय गान के शब्द शुरू हुए समारोह स्थल पर उपस्थित दर्शकदीर्घा जोश और गर्व से साथ खड़ी हो गई और गान समाप्त होने तक यह देशभक्ति का जुनून देखते ही बनता था।
इस विशाल समारोह में देशभक्ति का जुनून भरने वाली यह शानदार प्रस्तुति देने वाले विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल के छात्र हर बार जिलास्तरीय कार्यक्रम में अपनी अनूठी प्रस्तुति देते हैं। इस बार छात्रों ने समारोह में राष्ट्रीय गान, रंगोली प्रतियोगिता और कल्चरल प्रोग्राम में हिस्सा लिया। बच्चों द्वारा प्रस्तुत डांस में ‘जीते हैं चल’ जोकि एक सामाजिक बुराई ‘एसिड अटैक’ पर आधारित था ने सभी को झकझोर कर रख दिया। इतने गंभीर विषय पर बच्चों द्वारा इतनी अनूठी प्रस्तुति देने के लिए सभी गणमान्य लोगों ने इसे सराहा।
उपस्थित गणमान्य लोगों ने एसडीएम पार्थ गुप्ता बल्लभगढ़, बीओ अनीता शर्मा, तहसीलदार बिजेन्द्र सिंह राणा एवं बीडीओ उपमा अरोड़ा ने स्कूली छात्रों की प्रस्तुतियों को काफी सराहा।
इस अवसर पर स्कूल की दो छात्राओं आरची यादव एवं रितिका यादव को आर्चरी प्रतियोगिता में नेशनल लेवल पर कांस्य पदक लाने के लिए विशेष रूप से सम्मानित किया गया। साथ ही छात्रों द्वारा बनाई गई रंगोली को भी कार्यक्रम में सराहा गया। बच्चों की इस शानदार प्रस्तुति से उत्साहित स्कूल के डॉयरेक्टर श्री दीपक यादव ने कहा कि बच्चों की इस प्रस्तुति से उन्हें काफी खुशी और गर्व है।
साथ ही स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि देश बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष और बलिदान की बदौलत देश को स्वतंत्रता मिली। श्री यादव ने 15 अगस्त का महत्व का हर भारतीय के लिए विशेष महत्त्व है। किसी भी देश के लिए, उसके भविष्य के सफर पर इतिहास का असर साफ झलकता है। इस वजह से यह जरूरी है कि मौजूदा पीढ़ी को पूर्वजों के बलिदान की जानकारी हो। उसके प्रति आदर हो। ऐसे में इस दिन से बेहतर क्या हो सकता है, जब उन्हें बताया जाए कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने किन-किन परेशानियों का सामना किया और देश को आजाद कराया। मौजूदा पीढ़ी के लिए यह दिन काफी महत्वपूर्ण है। ताकि वह इतिहास से मिले सबकों पर चर्चा कर सके। ताकि एक देश के तौर पर हम पुरानी गलतियों को न दोहराएं।

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