– कुलपति प्रो. दिनेश कुमार की घोषणा, अब से सभी तरह के लेन-देन ई-ट्रांसजेक्शन से होंगे
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faridabad| वाईएमसीए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, फरीदाबाद द्वारा विश्वविद्यालय परिसर को पूर्णतः कैशलेस बनाने की दिशा में अहम निर्णय लिया गया है। कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने निर्देश दिये कि विश्वविद्यालय में सभी प्रकार के लेन-देन पूर्णतः नकदी रहित किये जाये तथा यह सुनिश्चित किया जाये कि विश्वविद्यालय परिसर में लेन-देन के लिए विभिन्न प्रकार की ई-ट्रांजेक्शन की व्यवस्था हो।
विश्वविद्यालय में पूर्णतः नकदी रहित ई-ट्रांजेक्शन कार्य प्रणाली विकसित करने के उद्देश्य से बुलाई बैठक में कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने वित्त नियंत्रक तथा लेखा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि विश्वविद्यालय में लेन-देन एवं भुगतान के लिए डिजिटल मोड की सभी पद्वतियां की शुरूआत की जाये, जिसमें स्वाइप मशीन, ई-वालेट व मोबाइल के माध्यम से लेन-देन शामिल है। उन्होंने वित्त एवं लेखा विभाग को कैशलेस प्रणाली को कार्य रूप देने तथा इस संबंध में रिपोर्ट देने के निर्देश दिये। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय में किसी भी प्रकार का नकदी भुगतान स्वीकार न किया जाये। उन्होंने कहा कि इलैक्ट्रॉनिक लेन-देन एक साफ-सुथरी व्यवस्था है, जिसमें लेन-देन के कार्याें में पारदर्शिता आयेंगी तथा समय की भी बचत होगी।
बैठक में बताया गया कि विश्वविद्यालय द्वारा मौजूदा अकादमिक वर्ष से दाखिले के लिए विद्यार्थियों को ऑनलाइन भुगतान को विकल्प दिया गया है। इस पर कुलपति ने कहा कि अकादमिक वर्ष 2017 से सभी प्रकार के दाखिलों को ऑनलाइन करने की व्यवस्था की जाये तथा विद्यार्थियों की सुविधा के लिए ऐसी व्यवस्था सृजित की जाये कि दाखिले के अलावा विद्यार्थियों द्वारा फीस, बकाया तथा अन्य सभी प्रकार के भुगतान के लिए ऑनलाइन साथ-साथ मोबाइल, ई-वालेट व स्वाइप मशीन के माध्यम से कर सके। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में संचालित कैंटीन में भी विद्यार्थी की सुविधा के लिए ऐसी व्यवस्था बनाई जाये, जिसमें विद्यार्थियों के पास ई-भुगतान का विकल्प रहे।
कुलपति ने कहा कि कर्मचारियों को प्रेरित करने नेटबैंकिंग और फोन बैंकिंग के इस्तेमाल करने तथा सुरक्षा उपायों को लेकर एक जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया जाये। उन्होंने विश्वविद्यालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों से आह्वान किया कि वे व्यक्तिगत लेन-देन भी प्लास्टिक मनी, ई-वालेट या मोबाइल के माध्यम करें। इससे समय की बचत होने के साथ-साथ बैंकों की अनापेक्षित भीड़ को भी कम करने में मदद मिलेगी।
प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि नकदी में लेन-देन को लेकर हमारी निर्भरता के कारण ही बैंकों में भारी भीड़ समस्या बन रही है और इस समस्या से निपटने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के रूप में विश्वविद्यालय को भी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करना होगा और उचित कदम उठाने होंगे।
बैठक में बताया गया कि विश्वविद्यालय द्वारा चलाये जा रहे डिजिटल साक्षरता अभियान के तहत कम्प्यूटर तथा डिजिटल उपकरणों की जानकारी दी जाती है और विश्वविद्यालय द्वारा पांच हजार लोगों को डिजिटल साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसका उद्देश्य लोगांे को डिजिटल उपकरणों एवं अनुप्रयोगों के उपयोग को लेकर प्रोत्साहित करना है।
बैठक में विश्वविद्यालय के अधिकारिक इंडियन ओवरसीज बैंक के प्रतिनिधि ने कुलपति को आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय में कैशलेस व्यवस्था सृजित करने के लिए की जा रही पहल में बैंक द्वारा पूरा सहयोग दिया जायेगा।
बैठक में संकायाध्यक्ष डॉ. संदीप ग्रोवर, डॉ. सी. के. नागपाल, डॉ. एस. के. अग्रवाल, कुलसचिव डॉ. एस. के. शर्मा, मुख्य छात्रपाल डॉ. विकास तुर्क, वित्त नियंत्रक डॉ प्रदीप कुमार, के अलावा अन्य विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।