आज की व्यस्त जीवनशैली में अनेक बदलाव हो रहे हैं। जिनके कारण लोग शरीर के दर्द से परेशान रहते हैं। मांशपेशी, जोड़ो, हड्डी या नसों में दर्द से राहत के लिए फिजियोथैरेपी में इसका इलाज है। इसके द्वारा इन समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। फिजियोथैरेपी बिना किसी दवा, इंजेक्शन या ऑपरेशन के दर्द से राहत दिलवाने में मदद करता है।
फिजियोथैरेपी एलोपैथी मेडिकल साइंस का एक पार्ट है। जिसमे कुछ तकनीकी उपकरणों, जैसे किरण वाली मशीन, वेब मशीन और उनके साथ बर्फ की सिकाई, हॉट फर्मेंटेशन के जरिए उपचार किया जाता है।
कुछ ऐसी बीमारियां होती है, जिनका इलाज केवल फिजियोथैरेपी के द्वारा ही किया जाता है। फिजियोथैरेपी से स्पोर्ट्स से जुड़ी समस्याएं, न्यूरोलॉजिकल ( नसों से संबंधित समस्याएं ), अर्थराइटिस ( शरीर के अंगों से जुड़ी समस्याएं ), मुलायम टिशूज से जुड़ी, उनके साथ ही मांशपेशियो और हड्डियों से जुड़ी समस्या को ठीक किया जा सकता है।
फरीदाबाद के नागरिक अस्पताल के फिजियोथैरेपिस्ट डॉ राकेश कुमार बताते है की, युवाओं में अधिकतर सरवाइकल की समस्या देखने को मिलती है, क्योंकि आज के तकनीकी युग में अधिकतर समय मोबाइल फोन, कम्प्यूटर, लैपटॉप का इस्तेमाल करते है। जिसकी वजह उनमें गर्दन दर्द की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। इसका कारण यह होता है। इनका सही पोस्चर में न बैठना, साथ ही एक्सरसाइज कम करना। इसका इलाज यह है की नियमित रूप से एक्सरसाइज करे साथ ही मौसमी फलों, सब्जियों का सेवन भरपूर करे। इससे इन समस्याओं में राहत मिलती है।
डॉक्टर राकेश कुमार कहते है की, माइग्रेन कोई बीमारी नहीं है। जैसे बुखार कोई बीमारी नहीं है, वह किसी वजह से होता है। उसी तरह माइग्रेन भी किसी वजह से ही होता है। अधिकतर लोगों को यह पता ही नही है की माइग्रेन सरवाइकल की वजह से होता है। इसकी जांच से माइग्रेन की समस्या का हल निकाला जा सकता है।
फिजियोथैरेपी के द्वारा चक्कर आना, शरीर में कंपन महसूस होना, झनझनाहट होना, सन्नपन पड़ना, यह सभी समस्याएं इसके द्वारा हल की जा सकती है। बिना किसी दवा या इन के इंजेक्शन के।