-गलियों व पार्कों में थापे जाते हैं उपले, कूड़े के ढेरों पर मुंह मारते हैं आवारा पशु
Yashvi Goyal
faridabad। नगर निगम फरीदाबाद के वार्ड 29 में रहने वालों को सडक़ों पर नाक ढंक कर निकलना पड़ता है। वजह भी साफ है कि यहां वह जगह खोजनी पड़ती है जहां जगह साफ है। छोटी सरकार का एक साल पूरा होने पर टुडे भास्कर संवाददाता यशवी गोयल ने वार्ड 29 का जायजा लिया।
निगम पार्षदों को चुने हुए एक वर्ष का समय बीत गया लेकिन लोगों की जीवनशैली में कोई परिवर्तन नहीं आया जिसके लिए उन्हें सब्जबाग दिखाए गए थे। स्थानीय निवासियों का कहना है कि पार्षद साहब को कई बार कहने पर भी वार्ड में सफाई नहीं की जाती। एक तरफ जहां शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए काम हो रहा है। वहीं वार्ड में गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। लोग यही पूछ रहे हैं कि क्या ऐसे ही होगा स्वच्छता अभियान का आंकलन।
वार्ड 29 में रहने वाले लोगों का कहना है कि यहां कोई ऐसा काम नहीं किया जा रहा है जिसे बताया जा सके। यहां सडक़ें तो बनाना दूर की बात है, कूड़ा तक नहीं उठाया जाता है।
पार्कों में रहते हैं सुअर और गाय
वार्ड 29 में दो पार्क हैं लेकिन उनका इतना बुरा हाल है कि बसेलवा कॉलोनी स्थित महाराणा प्रताप पार्क परिसर में सुअर रहते हैं और स्थानीय लोग वहां गाय और भैंस बांधते हैं। पार्क में गंदगी का ढेर लगा हुआ है। कॉलोनी के युवा पार्क का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। वहां मौजूद युवाओं ने बताया कि पार्क में इतनी गंदगी रहती है कि आस-पास के लोगों का बदबू के कारण जीना मुश्किल हो जाता है।
स्वच्छता सर्वेक्षण में फेल हो जाएगा वार्ड 29
माह के अंतिम दिनों तक स्वच्छता सर्वेक्षण टीम की ओर से शहर का दौरा होना है लेकिन वार्ड 29 में यदि टीम का दौरा हुआ तो शहर की स्मार्ट सिटी में आने की रैंकिंग फिसलनी तय है।
क्या कहते हैं लोग
वार्ड निवासी विनोद ने बताया कि बसेलवा कॉलोनी में कोई विकास कार्य नहीं किए गए है। वार्ड में गंदगी इतनी ज्यादा है कि लोगों का जीना मुहाल हो गया है।
वार्ड निवासी कल्लू का कहना है कि उन्होंने कई बार पार्षद नीतू भाटी को गंदगी साफ करवाने की शिकायत की है लेकिन वह केवल अपने घर के आस-पास तो सफाई करवा लेती है लेकिन पूरे वार्ड से उन्हें कोई लेना देना नहीं है।
–कांग्रेसी नेता ओपी भाटी का कहना है कि वार्ड में कोई विकास कार्य नहीं हुआ है। वार्ड में जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। बरसात के दिनों में सीवर ओवरफ्लो हो जाती है। जिससे रोड पर पानी आने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। सबसे ज्यादा बुरा हाल पार्कों का है। पार्कों में बैठने के लिए कुर्सियां तक नहीं हैं।
वार्ड में सफाई का काम जारी है। मैं खुद पार्क में कई बार सफाई करवा चुका हूं, लेकिन वहां के लोग ही पार्क में कूड़ा ड़ालते हैं। पार्क में गाय और भैंस भी स्थानीय लोगों के हैं। वार्ड में रोजाना कूड़ा उठाने का काम होता है लेकिन लोग कूड़ादान में नहीं डालकर पार्क में फैंकते हैं।
-विनोद भाटी, वार्ड पार्षद के जेठ