-श्री श्रद्धा रामलीला कमेटी में 50 फुट ऊंचे हवा में दिखाया संजीवनी पर्वत का दृश्य
Yashvi Goyal
फरीदाबाद। ओहो: अगर ऐसे ही वीर थे, तो सहस्त्रबाहु को जीत कर क्यों न दिखाया। अगर ताकत थी भी तो धनुष तोड़ कर क्यों न नाम पाया। रावण क्रोध में आकर कहता है….बस, बस नमक हराम, फिर न बोलना ऐसे बेहूदा कलाम, वरना जुबान तालू से निकलवा लूंगा जिनके बल बूते पर तू उछलता है उनका नामो निशान मिटा दूंगा….। यह संवाद अंगद और रावण के बीच में श्री श्रद्धा रामलीला कमेटी के मंच पर दसवें दिन हुआ।
कमेटी के डायरेक्टर अनिल चावला ने बताया कि दसवें दिन रामलीला देखने के लिए दर्शकों की भीड़ बहुत ज्यादा थी। उन्होंने बताया कि स्कूल-कॉलेज की छुट्टी होने के कारण बच्चों की भीड़ काफी अधिक रही।
मंच पर दूसरा दृश्य लक्ष्मण और मेघनाथ का युद्ध दिखाया गया। युद्ध के दौरान लक्ष्मण जी बोलते हैं….कहां है, कहां है: वो अन्याई रावण का पुत्र मेघनाथ कहां है। मेघनाथ बाहर आकर बोलता है….इधर देख, वहां क्यों चिल्ला रहा है। इधर आ जहां मेघनाथ बुला रहा है। लक्ष्मण जी कहते हैं चल दुष्ट बड़ चुका, तेरा अधिक जीना भी अच्छा नहीं हैं….। किये है पाप जो अब भोग ले उनकी सजा जाकर। यह कहते ही लक्ष्मण और मेघनाथ में भयंकर युद्ध शुरू हो जाता है। दोनो ओर से बाण ही बाण चलते हैं और मेघनाथ का बाण लगने से लक्ष्मण जी मुर्छित हो जमीन पर गिर पड़ते हैं। मौके पर मौजूद हनुमान जी लक्ष्मण का सिर गोद में रख लेते हैं। लक्ष्मण को मुर्छित देख राम जी बोलते हैं हैं हैं यह क्या, लक्ष्मण को क्या हो गया।
#हनुमान जी कहते हैं….महाराज, हमारे भाग्य ने यह र्दुदिन दिखाया है। पापी मेघनाथ ने शक्ति द्वारा लक्ष्मण को बेसुध बनाया है। राम जी व्याकुल होकर लक्ष्मण का सिर अपनी गोद में रखकर बोलते हैं….हैं हैं यह तो मर्म स्थान पर चोट आई है। जिसने सारी काया मृतक शरीर के सामान बनाई है। हाय हाय अब तो सारा संसार खेल ही समाप्त हो गया….। लक्ष्मण को जीवित अवस्था में लाने के वेद बुलाया जाता है, वह बोलता है यदि संजीवनी पर्वत से कोई बूटी लेकर आता है तो उस बूटी के रस से लक्ष्मण को जीवित अवस्था में लाया जा सकता है। तभी हनुमान जी संजीवनी बूटी लेने जाते हैं और पूरा पर्वत ही उठा ले आते हैं। पर्वत का दृश्य क्रेन के माध्यम से हवा में 50 फुट ऊंचा दिखाया गया। जिसे देखने के लिए दर्शकों की भारी भीड़ पंडाल में पहुंची। रामलीला में राम का अभिनय रितेश कुमार, लक्ष्मण का अभिनय अनिल चावला, रावण का अभिनय श्रवण चावला, हनुमान का अभिनय कैलाश चावला, अंगद का अभिनय कशिश चावला, मेघनाथ विजय कुमार कंटा ने निभाया।