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नई दिल्ली। पूर्व पीएम अटल बिहारी बिहारी वाजपेयी और मदन मोहन मालवीय को भी भारत रत्न देने का ऐलान हो गया है. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने ट्वीट कर यह जानकारी दी. यह सम्मान अटल बिहारी वाजपेयी को यानी 26 जनवरी को दिया जा सकता है। बीजेपी इस दिन को सुशासन के रूप में मानने की भी घोषणा कर चुकी है।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट कर भारत रत्न दिए जाने का एलान किया. लोकसभा चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने बीएचयू की स्थापना करने वाले मालवीय को भारत रत्न देने का वादा किया था।
आपको बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी एनडीए के शासन काल में प्रधानमंत्री थे. मई 1996 में वाजपेयी 13 दिन के लिए पीएम बने थे फिर 1998 में 13 महीने के लिए पीएम बने. इसके बाद 1999 से 2004 तक पांच साल तक भारत के प्रधानमंत्री रहे. वाजपेयी के ही कार्यकाल में भारत ने परमाणु परीक्षण किया और देश को परमाणु शक्ति वाले देश के रूप में पहचान दिलाई।
अब तक कुल 43 लोगों को भारत रत्न से सम्मानित किया गया है. अगर मदन मोहन मालवीय और अटल बिहारी वाजपेयी को यह सम्मान प्राप्त होता है तो वे इस सम्मान को पाने वाले देश के 44वें और 45वें व्यक्ति होंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल वाराणसी में मदन मोहन मालवीय के जन्म दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने जाने वाले हैं।
मदन मोहन मालवीय जी को मरणोपरांत देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया जाना है. मालवीय ने की हिंदू महासभा की स्थापना थी. मदन मोहन मालवीय भारत के पहले और अन्तिम व्यक्ति थे जिन्हें महामना की सम्मानजनक उपाधि से विभूषित किया गया था।
नीतीश ने भी जताई सहमति
जेडीयू के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने का पुरजोर समर्थन करते हुए आज कहा कि यह तो उन्हें यूपीए शासनकाल के दौरान दे दिया जाना चाहिए था. नीतीश ने कहा कि अटल जी भारत रत्न पाने के पूरे हकदार हैं और उन्हें इससे सम्मानित किए जाने का वह पुरजोर समर्थन करते हैं तथा यह उन्हें यूपीए शासनकाल के दौरान उन्हें दे दिया जाना चाहिए था.
नीतीश का कहना है कि अटल जी का व्यक्तित्व विशाल था. वह उदार विचारधारा को मानते थे और किस तरह से गठबंधन चलाया जाता है, इसका उन्होंने उदाहरण पेश किया था. किसी का दिल नहीं दुखाते थे।