गुर्जर के पुराने चेले उमेश भाटी बन सकते हैं राह का रोड़ा-देखिए क्या कहते हैं आंकड़े

गुर्जर के पुराने चेले उमेश भाटी बन सकते हैं राह का रोड़ा-देखिए...
umesh bhati faridabad,

Yashvi Goyal
फरीदाबाद। देश में लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। ऐसे मेें शहर फरीदाबाद में भी टिकट को लेकर सियासत बढ़ती जा रही है। फिलहाल भाजपा और बसपा लोसपा प्रत्याशी मैदान में आ चुके हैं वहीं सभी की निगाहें कांग्रेस, इनेलो और जजपा प्रत्याशियों की ओर टिकी हैं।
ऐसे में इनेलो की ओर से दावेदारी में पहली पंक्ति में चल रहे उमेश भाटी भाजपा के मौजूदा सांसद एवं केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के लिए राह का रोड़ा बन सकते हैं। हम उन्हें रोड़ा इसलिए कह रहे हैं कि गत लोकसभा चुनाव तक उमेश भाजपा में हुआ करते थे। लेकिन अब इनेलो का चश्मा पहन चुके हैं। इस बीच उन्होंने अपनी छवि एक बड़े ठाकुर नेता की भी बना ली है। आज फरीदाबाद में ठाकुरों के नेता के रूप में उनका नाम पहले नंबर पर आता है। सूत्रों के अनुसार इण्डियन नेशनल लोकदल पार्टी इस बार लोकसभा चुनाव में किसी राजपूत को टिकट का दावेदार बनाने का मन बना रही है। जिसमें इनेलो के प्रदेश प्रवक्ता उमेश भाटी का नाम सबसे ऊपर बताया जा रहा है।
यदि ऐसा होता है कि फरीदाबाद लोकसभा में किसी भी उम्मीदवार के लिए उमेश स्पीड ब्रेकर हो सकते हैं और यदि राजपूत वोटों में ध्रुवीकरण हो जाए तो कोई आश्चर्य नहीं कि वह सीट निकाल भी लें। कहा जा रहा है कि इस लोकसभा सीट पर करीब 70 गांवों में राजपूतों की बड़ी संख्या निवास करती है। इन राजपूत वोटरों की संख्या करीब एक लाख 80 हजार है वहीं शहरी क्षेत्र में भी करीब सवा लाख राजपूत रहते हैं। जिनमें अधिकांश पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड से आते हैं।

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