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faridabad news| रोमन में किसी की मौत पर महिलाएं रो नहीं सकती थीं। दरअसल वहां महिलाएं रोते हुए अपने चेहरे को नाखूनों को नोंच लेती थीं या चिल्लाकर रोती थी। उनके रोने के इस तरीके से परेशान होकर ये पाबंदी लगाई गई थी।
बिल्ली की पूजा करते थे लोग
मिस्र में लोग बिल्ली को पवित्र मानकर उसकी पूजा करते थे। वे घर में बिल्ली का आना शुभ मानते थे। बिल्ली के मरने पर दुख जाहिर करने के लिए वे अपनी एक आईब्रो की शेव करते थे। यहां तक कि मिस्र में बिल्ली को मारने पर सजा दी जाती थी। ऐसा ही अजीबो-गरीब रिवाज स्कॉटलैंड में था। वहां जानवरों के मल का यूज मेडिकल ट्रीटमेंट के तौर पर किया जाता था। वहां के लोग क्रोकोडाइल डंग का यूज गर्भनिरोधक की तरह और भेड़ का डंग स्माल पॉक्स के इलाज में यूज करते थे। ऐसे भी कई देश है जहां सिपाहियों के जख्म भरने में एनिमल डंग का यूज होता था। नाक से होने वाली ब्लीडिंग को रोकने के लिए सूअर का डंग इस्तेमाल होता था।
तब भी देखने को मिलते थे ऑनर कीलिंग के मामले
प्राचीन रोम में महिलाओं को परिवार के ही किसी सदस्य से शादी करना होती थी। ऐसे में अगर वे परिवार के अलावा किसी और सदस्य से शादी करती थी तो पिता को ये अधिकार था कि वह अपनी बेटी की हत्या कर दे। ये कह सकते हैं कि उस जमाने में भी ऑनर कीलिंग के मामले देखने को मिलते थे।
सल्फर से किया जाता था बालों को डाई
बालों को डाई करना कोई नई बात नहीं है। प्राचीन रोम और ग्रीक में बालों को कलर करने के लिए सल्फर जैसे स्ट्रॉन्ग केमिकल का यूज होता था। 17 वीं और 18 वीं सदी में यूरोपियन महिलाएं लेड जैसे स्ट्रॉन्ग केमिकल से बालों को डाई करतीं थीं।