-दैनिक जागरण फरीदाबाद के ब्यूरो चीफ बिजेंद्र बंसल ने टुडे भास्कर से सा किए विचार
यशवी गोयल
todaybhaskar.com
faridabad। कहते हैं कि पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है, कुछ लोगों का कहना है कि आज काफी दारोमदार पत्रकारिता पर आ गया है। ऐसे में लोग जानना चाहते हैं कि इन खबरों के पीछे के चेहरे कौन हैं। हम इस श्रृंखला को शुरू कर रहे हैं शहर के जाने माने पत्रकार एवं दैनिक जागरण फरीदाबाद के ब्यूरो चीफ बिजेंद्र बंसल जी से। प्रस्तुत हैं उनसे हुए साक्षात्कार के कुछ अंश-
बिजेंद्र जी नमस्कार, आप हमारे पाठकों को कुछ अपने बारे में बताएं।
-मैं बिजेंद्र बंसल हूं और मूल रूप से बल्लभगढ का रहने वाला हूं। मैंने बीकॉम की और भारतीय विद्या भवन मुंबई से डिप्लोमा इन जर्नलिज्म करने के बाद पत्रकारिता के जगत में करियर की शुरूआत की। सबसे पहले मैंने सांध्य टाइम्स अखबार में ट्रेनिंग की जिसके बाद दिसम्बर 1993 में दैनिक जागरण में स्ट्रिंगर के रूप में कार्य किया। लम्बे संघर्ष के बाद मैं आज दैनिक जागरण में फरीदाबाद ब्यूरो चीफ के रूप में कार्यरत हूं, साथ ही सिटी प्रेस क्लब फरीदाबाद के प्रधान की जिम्मेदारी निभा रहा हूं।
शहर में बहुत से मीडिया संगठन हैं, ऐसे में आपका प्रेस क्लब औरों से अलग कैसे है।
-यह सही बात है कि शहर में कई मीडिया संस्थान हैं लेकिन वह अपने प्रदेश स्तरीय और राष्ट्र स्तरीय संगठनों के हितों और निर्देशों पर काम करते हैं। जबकि हम फरीदाबाद व बल्लभगढ के पत्रकारों के हित के लिए काम कर रहे हैं। इस प्रेस क्लब का गठन 11 सदस्यों की समिति ने किया था। जिसमें पत्रकारों के वेलफयर के लिए व उनके हितों की रक्षा करना हमारा मुख्य ध्येय है।
आपके सिटी प्रेस क्लब को गठित हुए साल भर हो गया है। कुछ उपलबध्यिां बताएं।
-सिटी प्रेस क्लब गठित होने के बाद से ही काफी एक्टिव है। संस्थान सांस्कृतिक कार्यक्रमों से लेकर धार्मिक व आध्यात्मिक कार्यक्रम आयोजित करवा चुके हैं। साथ ही सबसे बड़ी उपलब्धि अभी हाल ही में सिटी प्रेस क्लब को अमूल्य चंद्रा लाइब्रेरी में एक स्थाई स्थान मिल गया है। जहां क्लब ई-लाईब्रेरी स्थापित करेगा। जिसके लिए मैं नगर-निगम के अशोक शर्मा का धन्यवाद करता हूं। नगर निगम और क्लब के बीच इसके लिए एक एमओयू भी साइन हुआ है।
आज पत्रकारों पर जुबानी व शारिरिक हमले हो रहे हैं। उन पर आपका क्या नजरिया है।
-हां आज पत्रकारों पर हमले बढ़ गए हैं। लेकिन सिटी प्रेस क्लब इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। वह पत्रकारों के हितों की रक्षा करता है। अभी कुछ समय पहले अटाली मामले में एक अखबार के पत्रकार के साथ दुव्र्वयवार किया गया था। हम सभी पत्रकारों ने एकजुट होकर उस पत्रकार को न्याय दिलवाया और आगे भी पत्रकारों के हक में लड़ाई लड़ी जाएगी।
मजीठिया बेजिज बोर्ड को लेकर हंगामा फैला हुआ है। क्या पत्रकार अपने हक के लिए लड़ाई नहीं लड़ सकता।
-पत्रकारों को अपने हकों की लड़ाई लड़नी चाहिए। लेकिन एक पत्रकार को अपनी मर्यादा में रहकर ही काम करना चाहिए।
आने वाले भविष्य में क्या कुछ करने का इरादा है।
-वैसे तो सिटी प्रेस क्लब की 11 सदस्यीय समिति व सभी मेम्बर बहुत ही एक्टिव हैं। लेकिन इसके साथ ही क्लब पत्रकारों के वेलफेयर के लिए इंगलिश स्पोकन क्लास चलाएंगे। पत्रकारों का बीमा योजना करवाया जाएगा और एक प्रधान होने के नाते मेरा यह सपना है कि हर पत्रकार के पास अपना एक घर हो, शहर में एक पत्रकार कालोनी बनाई जाए जिसके लिए हम कठोर प्रयास करेंगे। इस सपने को मैं अपने साथियों की मदद से पूरा करके ही रहूंगा।
इस interview की सामग्री टुडे भास्कर की सम्पदा है