-32वें सूरजकुंड मेला का रंगारंग समापन, हुनर को मिला सम्मान
-13 लाख लोगों ने देखा मेला, उत्तर प्रदेश में भी लगेगा सूरजकुंड की तर्ज पर मेला
Todaybhaskar.com
उन्होंने कहा कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश राज्य पूरे विश्व में परस्पर शांति, एकता, आपसी सद्भाव और समृद्धि के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। राज्यपाल ने कहा कि हरियाणा प्रदेश वह स्थली है जहां सरस्वती नदी के किनारे बैठकर वेदों की रचना की गई और गीता का संदेश दिया गया। प्रसिद्ध कवि रविंद्रनाथ टैगोर ने गीतांजलि में भी पूरे विश्व को एक सूत्र में बांधने की बात कही है, जिसको सूरजकुंड मेला वर्षों से आत्मसात कर रहा है। सूरजकुंड मेला ने पूरे विश्व को एक पारिवारिक सूत्र में बांधने का काम किया है, क्योंकि जिस मेले में 25 देश भाग ले रहे हों वह एक विश्वव्यापी परिवार हो जाता है। उन्होंने किर्गिस्तान को कंट्री पार्टनर और उत्तर प्रदेष को थीम स्टेट बनाने के लिए हरियाणा सरकार को भी बधाई दी। उन्होंने घोषणा की कि इस बार 13 लाख पर्यटकों ने सूरजकुंड मेला देखा जिनमें एक लाख विदेशी पर्यटक भी शामिल थे। सूरजकुंड मेला हरियाणा की पहचान बन चुका है।
किर्गिस्तान की राजदूत समरगियूल अदामकुलोवा ने हिंदी में नमस्ते कर सबका शुक्रिया अदा किया और कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से विभिन्न देषों के बीच आपसी राजनयिक संबंध मजबूत होते हैं। हरियाणा के पर्यटन मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने कहा कि 28 देशों के प्रतिभागियों ने जिस तरह से सूरजकुंड मेला में भाग लिया है वह अपने आप में अभूतपूर्व है। उत्तर प्रदेश की पर्यटन मंत्री डा. रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड मेला आर्ट एंड क्राफ्ट मेला के रूप में विश्व में विख्यात हुआ है। उन्होंने कहा कि इसी तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी लखनऊ के अंदर आर्ट एंड क्राफ्ट मेले की शुरूआत की जाएगी। इस दौरान श्री सिद्धदाता आश्रम स्थित स्वामी सुदर्शनाचार्य वेद वेदांग संस्कृत महाविद्यालय के वेद छात्रों ने सूरजकुंड मेला में बने बनारस के घाट पर गंगा आरती की एवं सभी अतिथियों का तिलक चंदन से स्वागत किया।
इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यटन विभाग हरियाणा विजय वर्धन, हरियाणा पर्यटन निगम के चैयरमेन जगदीश चोपडा, मंडल की आयुक्त जी. अनुपमा, हरियाणा पर्यटन विभाग के प्रबंध निदेशक एवं सूरजकुंड मेला प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक समीर पाल सरो, उपायुक्त फरीदाबाद अतुल कुमार आदि मौजूद रहे।
शिल्पकारों को किया सम्मानित
सूरजकुंड मेले के समापन पर महामहिम राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सौलंकी ने कलानिधि पुरस्कार के लिए हिमाचल के नरोतम राम, उतराखंड के तुलपराम, असम के निषचेष्वरी राभा, मदागसकार के रसौअरी मलाला, पश्चिम बंगाल के पुतुलदास मित्रा, दिल्ली के महेशचंद शर्मा, फरीदाबाद हरियाणा के उदित नारायण, तमिलनाडू के एसके सावन को पुरस्कृत किया गया।
कला श्री पुरस्कार के लिए यूगंाडा के अलिंदा, जोशेलियन, राजस्थान के मो. आसिफ, टर्की के हेरूल्ला कारके, अफगानिस्तान के मो. इशाक तिमोरजादा, किर्गिस्तान के नूरदान, तमिलनाडू के पी संगोतुवेल, हरियाणा की निषा और यूपी के यूसुफ अहमद को पुरस्कृत किया गया। कलामणि के लिए उडीसा के सेबाराम मेहर, राजस्थान के रामसोनी, उडीसा के गणेश साहु, पश्चिम बंगाल के सोबिहार बानू, आंध्रप्रदेश के सींधे श्री रामलू, गुजरात के पंकज भाई डूंगरा भाई मकवाना, राजस्थान के असरफ हसन और यूपी के नसीम अहमद को सम्मानित किया गया। इसी तरह कलारत्न पुरस्कार के लिए भूटान के नगवान दिमा और परंपरागत के लिए राजस्थान के कल्याणमल साहू को पुरस्कृत किया गया।