-बैंगलोर के लालबाग में तैयार होता है विशेष हलवा, तीन महीने तक नहीं होता खराब
– आटे और घी के साथ-साथ सूखे मेवों का होता है प्रयोग, नेता-अभिनेता सभी हैं इस हलवे के दीवाने
Todaybhaskar.com
Faridabad। 33वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में इस बार कर्नाटक का खास हलवा जमकर अपनी मिठास बिखेर रहा है। आम हलवे की तरह ही यह भी आटे व घी से बना है लेकिन है पूरी तरह से ठोस। इस हलवे की खासियत यह है कि एक बार तैयार होने के बाद तीन महीने तक इसके स्वाद में कोई फर्क नहीं पड़ता और न ही खराब होता है।
सूरजकुंड मेले में मुख्य इंट्री गेट के पास ही स्थिति है महाराष्ट्र की राजधानी बैंगलोर के रहने वाले गोपी का स्टॉल। गोपी की कई पीढिय़ां बैंगलोर के लालबाग क्षेत्र में अपने इस हलवे की दुकान चलाती आ रही हैं। इनका हलवा बनाने का अपना अलग ही अंदाज है और गोपीराम बताते हैं कि हम प्रतिदिन लालबाग बैंगलोर स्थित अपनी दुकान पर एक से डेढ़ लाख रुपये तक का हलवा बेच देते हैं। बैंगलोर आने पर लोग उनके कोर्ज कॉफी एंड स्पाइस में हलवा न खाएं तो ऐसा हो ही नहीं सकता।
कन्नड़ बोलने वाले गोपीराम दुभाषिए के माध्यम से बताते हैं कि उनके पूर्वजों ने यह हलवा बनाना शुरू किया था। इस हलवे को वह देसी घी व आटे के साथ तैयार करते हैं और ठोस रूप में इसके पीस तैयार होते हैं। एस पीस पांच से दस किलो तक का होता है। उन्होंने बताया कि बड़े-बड़े नेता व अभिनेता उनके हलवे के दीवाने रहे हैं। इस हलवे का स्वाद बढ़ाने के लिए वह सूखे मेवों का प्रयोग भी खूब करते हैं।
स्टाल पर हलवा की महक से पहुंची दिल्ली के रोहिणी निवासी छात्रा श्रुति ने बताया कि उन्होंने पहली बार इतना स्वादिष्ट हलवा खाया है। घर में या किसी कार्यक्रम में उन्होंने जो हलवा खाया है उसमें घी तैरता रहता है और यह हलवा एक या दो दिन में खराब हो जाता है। कमला नगर दिल्ली की सुरभी भी इस हलवे की दीवानी दिखी। पहले तो उन्होंने एस टुकड़़ा लेकर चखा और उसके बाद वह घरवालों के लिए भी हलवा लेकर जाना नहीं भूली। सुरभि ने बताया कि इस बार सूरजकुंड मेले को खास बनाने में सरकार की तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ी गई है। उन्होंने बताया कि वह पहली बार सूरजकुंड मेले में आई हैं यहां के अलग-अलग रंग देखकर वह खुश हैं।