फरीदाबाद पुलिस ने गिरफ्तार किए एसआरएस गु्रप के सीएमडी व चार साथी
Yashvi Goyal
फरीदाबाद। रियल एस्टेट की जानी मानी कंपनी एसआरएस गु्रप के निदेशक अनिल ङ्क्षजदल व उनके चार साथियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। पुलिस उन्हें कल फिर अदालत में पेश कर रिमांड की मांग करेगी। अनिल जिंदल व उनकी कंपनी पर सैकड़ों लोगों के साथ ठगी करने का आरोप है। जिसकी जांच ईडी व आयकर विभाग भी करेगा।
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में तेजी से बढऩे वाली एसआरएस कंपनी के निदेशकों की गिरफ्तारी के साथ ही उन्हें फरीदाबाद का नीरव मोदी भी कहा जाने लगा है। इस कंपनी पर हजारों करोड़ रुपये का घोटाला करने का आरोप है वहीं कंपनी कई बैंकों से भी हजारों करोड़ रुपये लेकर खुद को एनपीए घोषित कर चुकी है। गुरुवार को हरियाणा पुलिस ने एसआरएस समूह के चेयरमैन अनिल जिंदल सहित पांच लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। अन्य गिरफ्तार लोगों में बिशन बंसल, नानक चंद तायल, विनोद मामा और देवेंद्र अधाना शामिल हैं। गिरफ्तारी के बाद पुलिस आयुक्त कार्यालय में डीसीपी विक्रम कपूर ने पत्रकार वार्ता में बताया कि आरोपियों को दिल्ली के महिपालपुर स्थित एक होटल से गिरफ्तार किया गया है। डीसीपी के अनुसार, सभी को जिला अदालत में पेश किया जाएगा और आरोपियों की रिमांड लेने की मांग की जाएगी। हालांकि बाद में उन्हें अदालत से रिमांड नहीं मिली और आरोपियों को जेल भेज दिया गया। अब पुलिस शुक्रवार को आरोपियों को दोबारा अदालत में पेश कर रिमांड की मांग करेगी। अदालत परिसर में आरोपियों की एक झलक पाने के लिए शिकायतकर्ताओं सहित अन्य लोग भी मौजूद रहे।
इन सभी के खिलाफ पिछले महीने चार मार्च को थाना सेक्टर-31 ने भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 406, 120बी व हरियाणा प्रोटेक्शन ऑफ इंट्रेस्ट ऑफ डिपोजिटर इन एफईएक्ट 2013 के तहत 22 मुकदमे दर्ज किए थे। मुकदमे दर्ज होने के बाद अनिल जिंदल के निवास सहित विभिन्न ठिकानों पर पुलिस ने छापामारी भी की थी, लेकिन वह पकड़ में नहीं आए थे।
वास्तव में अनिल जिंदल ने एसआरएस नाम से फरीदाबाद में एक मॉल का निर्माण कर रीयल एस्टेट में कदम रखा और बाद में रिटेल, सिनेमा, ज्वेलरी एवं प्रॉपर्टी सहित विभिन्न धंधों में घुसपैठ बना ली। एसआरएस ने निवेशकों को मोटा ब्याज देकर लुभाया और उनका पैसा अपने विभिन्न प्रोजेक्ट में लगाया लेकिन रीयल एस्टेट में मंदी के साथ ही उनके पैर उखडऩे लगे। जिसके बाद उन्होंने निवेशकों को ब्याज देना बंद कर दिया और पैसा मांगने पर पैसा भी देना बंद कर दिया। जिसके बाद शिकवे शिकायत, धरने प्रदर्शन और शिकायतों के दौर शुरू हुए। लेकिन कंपनी प्रमोटर्स की गिरफ्तारी नहीं हो रही थी।
हाल ही में फरीदाबाद पुलिस आयुक्त का पदभार संभालने वाले अमिताभ ढिल्लो के आदेश पर जांच के बाद इन पांचों की गिरफ्तारी हुई है। हालांकि इस गिरफ्तारी के साथ ही लोगों की सांसें भी अदालत के साथ अटक गई हैं। माना यह भी जा रहा है कि एक दिन पहले ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ.अशोक तंवर द्वारा एसआरएस पीडि़तों के साथ मिलकर प्रेस कांफ्रेंस करने के बाद यह गिरफ्तारी आनन फानन में की गई है। जिससे सरकार अपने आपको पाक साफ दिखाने की कोशिश कर रही है।
डीसीपी विक्रम कपूर का कहना है कि उपरोक्त के खिलाफ कुल 22 एफआईआर पहले से दर्ज हैं और अन्य 100 शिकायतों की जांच की जा रही है जिसके बाद कई अन्य एफआईआर भी दर्ज हो सकती हैं। उन्होंने बताया कि इस मामले में ईडी और आयकर विभाग की भी मदद ली जा रही है वहीं शहर की जनता से भी अपील की गई है कि वह एसआरएस गु्रप व इसी प्रकार के अन्य रीयल एस्टेट से संबंधित धोखाधड़ी की शिकायतें उन्हें दें जिससे कि उन्हें न्याय दिलवाया जा सके।
फोटो- पुलिस आयुक्त कार्यालय में प्रेस को संबोधित करते डीसीपी विक्रम कपूर।