todaybhaskar.com
faridabad| एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज अस्पताल में ईकोकार्डियाग्राफी पर सेमिनार आयोजित किया गया।
इस सेमिनार में एशियन अस्पताल के अलावा फरीदाबाद, दिल्ली, गुड़गांव, पलवल, कोसी, मथुरा, आगरा, अलीगढ़, आदि शहरों के करीब 150 डॉक्टरों ने भी भाग लिया। एशियन अस्पताल के चेयरमैन डॉ एन के पांडे ने दीप प्रज्जवलन कर सेमिनार का उद्घाटन किया। एशियन अस्पताल के इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी डायरेक्टर डॉ ऋषि गुन्ता, और एसोसिएट डायरेक्टर डॉ सिम्मी मनोचा ने सेमिनार को संबोधित किया।
इस सेमिनार में दिल्ली-एनसीआर से 15 स्पीकरों ने भाग लिया और कई शहरों के कार्डियोलॉजिस्ट, जरनल फिजिशियन, तकनीशियनों और प्रेक्टिस कर रहे डॉक्टरों सहित सैंकड़ों डॉक्टर शामिल हुए। ईकोकाडियोग्राफी पर सेमिनार में शामिल हुए डॉक्टरों को हृदय संबंधी बिमारियों और उनके इलाज के बारे में जानकारी दी। सेमिनार में डॉक्टरों और तकनीशियनों को नई तकनीक से रूबरू कराया गया।
डॉ सिम्मी मनोचा के अनुसार ईकोकार्डियाग्राफी कार्डियोलॉजी की रीढ़ की हड्डी है। यह मरीज के इलाज का एक बेहद आसान तरीका है। गंभीर रूप से बीमार मरीज के इलाज में भी ईकोकार्डियोग्राफी सहायक है। यह मरीज के इलाज का प्रथम चरण है। उनका कहना है कि पहले डॉक्टर मरीज की जांघ में तार डालकर हार्ट के प्रेशर और वॉल्व के बारे में जानकारी लेते थे। पर अब ईकोकार्डियाग्राफी के आने के बाद से यह प्रक्रिया खत्म हो गई है। अब डॉक्टर ईकोकार्डियाग्राफी के जरिए बिना तार डाले केवल छाती का अल्ट््रासाउंड करके दिल की स्थिति, आकार और वॉल्व के बारे में भी जान सकते हैं। इसके अलावा घडक़न और अटैक की जानकारी भी ईकाकार्डियाग्राफी के जारिए आसानी से मिल जाती है, जिससे दिल के मरीज का इलाज जल्दी संभव हो जाता है। इसमें हम हृदय की थ्री डी इमेज भी देख सकते हैंं। इसके अलावा यह जानकारी भी दी गई कि बच्चों में हृदय और वॉल्व संबंधी बीमारियों को पकडऩे में ईकोकार्डियाग्राफी किस प्रकार सहायक है। इसी दौरान वर्कशॉप के माध्यम से डॉक्टरों और तकनीशियनों को ईकोकार्डियाग्राफी की जानकारी दी।