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चण्डीगढ़| हरियाणा में सरपंच अब ग्राम पंचायत विकास योजना के तहत अपने विकास कार्यों के लिए अनुपूरक फण्ड की मांग जून, अक्तूबर तथा जनवरी के प्रथम सप्ताह में भेज सकेंगे। इसके अलावा उन्हें वर्ष में एक बार वाइल्ड कार्ड के तहत भी राशि निकालने की अनुमति होगी। ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों के लिए ई-टेंडरिंग भारत सरकार की हर गांव के लिए तैयार की जा रही मोबाइल एप्प योजना के तहत लागू की जा रही है।
यह निर्णय मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में विकास एवं पंचायत विभाग की हुई एक समीक्षा बैठक में लिया गया। बैठक में वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, विकास एवं पंचायत मंत्री श्री ओम प्रकाश धनखड़, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डा० राकेश गुप्ता, विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव श्री अनुराग रस्तोगी के अलावा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सरपंचों के साथ ग्राम सचिवों का धरने पर बैठने का कोई औचित्य नहीं है। ग्राम सचिव एक सरकारी कर्मचारी होता है, न कि एक जनप्रतिनिधि। अगर उन्हें ई-टेंडरिंग को लेकर कोई आशंका है तो वे किसी भी समय पंचायत मंत्री श्री ओम प्रकाश धनखड, विभाग के अधिकारियों व यहां तक कि स्वयं उनसे भी बात कर सकते हैं।
बैठक में इस बात की जानकारी दी गई कि सरपंचों की कैश इन हैंड रखने की सीमा 25,000 रुपये है और इसके अलावा वे मजदूरों की दिहाड़ी के लिए पीपीओ पर 20,000 रुपये की निकासी भी कर सकते हैं। इस बात की भी जानकारी दी गई कि केन्द्र सरकार पीएफएमएस योजना के तहत प्रफोर्मेंस ग्रांट क तहत केवल 3000 पंचायतों को ही यह ग्रांट मिली है। सामान्य ग्रांट के अलावा, इस योजना के तहत 86 करोड़ रुपये केन्द्र सरकार से हर वर्ष मिलते हैं। इस बात की भी जानकारी दी कि ई-टेंडरिंग ई-पंचायत मोड का ही हिस्सा है। सरपंचों को खण्ड विकास अधिकारी कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। सरपंच ई-टेंडरिंग में वीएलई की सहायता ले सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने इस बात की जानकारी दी कि हर गांव में शीघ्र ही शिवधाम नवीकरण योजना लागू की जाएगी।