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desk| भगवा आतंकवाद शब्द के इस्तेमाल को लेकर भाजपा ने राहुल और सोनिया गांधी पर निशाना साधा। मंगलवार को पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि राहुल समेत कांग्रेस के बड़े नेताओं हिंदुओं के खिलाफ झूठा प्रचार करने के लिए देश से माफी मांगें। इसके अलावा भाजपा की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व अमेरिकी राजदूत का एक टेलीग्राम और कुछ वीडियो भी दिखाए गए। जिनमें कांग्रेस नेताओं ने हिंदू आतंकवाद की बात कही गई थी। बता दें कि मक्का मस्जिद ब्लास्ट केस में आरएसएस प्रचार रहे स्वामी असीमानंद समेत 5 आरोपियों को एनआईए कोर्ट ने बरी किया है।
– न्यूज एजेंसी के मुताबिक, संबित पात्रा ने कहा, ”कांग्रेस नेताओं ने भगवा आतंकवाद शब्द का इस्तेमाल किया था। पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा था कि आरएसएस अपने कैंपों में आतंक की ट्रेनिंग दे रही है। हिंदुओं के खिलाफ कांग्रेस ने झूठा प्रचार किया।”
– ”हमारे पास अमेरिकी राजदूत टिम रोमर का वो टेलीग्राम मौजूद है। जो उन्होंने 2009 में अपनी सरकार को भेजा था। इसमें लिखा है कि राहुल गांधी ने कहा था कि भारत में लश्कर-ए-तैयबा को कुछ मुसलमानों का समर्थन मिला हुआ है। हालांकि, इससे बड़ा खतरा यहां पनपते कट्टर हिंदू संगठनों से हो सकता है।”
– ”हम चाहते हैं कि भारत में सबको न्याय मिले। हिंदू, मुसलमान सबको। पर कांग्रेस ने हिंदुओं के खिलाफ जो साजिश रची। उसके लिए राहुल गांधी, सोनिया गांधी समेत पूरी कांग्रेस माफी मांगे।”
– असीमानंद के बरी होने पर संबित पात्रा ने कहा था, “कांग्रेस के चेहरे से मुखौटा उतर गया है। 2013 में कांग्रेस के जयपुर अधिवेशन में मंच पर सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मनमोहन सिंह और तत्कालीन गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे जी मौजूद थे। सुशील कुमार शिंदे जी ने मंच से हिंदू आतंकवाद शब्द का प्रयोग किया था।”
– ”एक ही झटके में हजारों सालों से चली आ रही इस संस्कृति को, भगवा रंग को, हिंदुओं को गाली देने का काम किया गया। उन्होंने भाजपा और संघ पर आरोप लगाया था। मंच पर सोनिया-राहुल और मनमोहन चुप थे, उन्होंने शिंदे को रोका नहीं था। 2010 में पी चिदंबरम ने हिंदू आतंकवाद शब्द का प्रयोग किया था। कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति, हिंदुओं और देश को बदनाम करने की साजिश का आज पर्दाफाश हुआ है।”
– ”चिदंबरम और सुशील कुमार शिंदे ने धर्म को बदनाम करने की शिक्षा सोनिया और राहुल गांधी से ली है। सलमान खुर्शीद बाटला हाउस के आतंकवादियों के आतंकवादियों को शहीद कह रहे थे। उन्होंने कहा था कि उन लोगों की बॉडी को देखकर सोनिया जी तीन दिन तक सो नहीं पाईं, रो-रोकर उनकी आंखें सूज गईं।”
मक्का ब्लास्ट में असीमानंद समेत 5 बरी
– तेलंगाना के मक्का मस्जिद ब्लास्ट केस में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की नामापल्ली स्पेशल कोर्ट ने सोमवार को 11 साल बाद फैसला सुनाया। कोर्ट ने स्वामी असीमानंद समेत 5 आरोपियों को बरी कर दिया था। हालांकि, फैसला सुनाने वाले स्पेशल एनआईए जज रवींद्र रेड्डी ने इस्तीफा दे दिया।
– बता दें कि 18 मई, 2007 को हुए ब्लास्ट में 9 लोगों की मौत और करीब 58 जख्मी हुए थे। सीबीआई के द्वारा शुरुआती जांच के बाद केस 2011 में एनआईए को ट्रांसफर किया गया था। तब कांग्रेस ने हिंदू आतंकवाद का दावा किया था।
– इस फैसले पर गृह मंत्रालय के पूर्व अवर सचिव आरवीएस मणि ने कहा कि ब्लास्ट केस के सारे सबूत झूठे थे और इसमें हिंदू आतंकवाद जैसी कोई बात नहीं थी। कांग्रेस ने भ्रम फैलकर लोगों की छवि धूमिल की।