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Desk| बीएचयू के संस्कृत एवं धर्म विज्ञान संकाय में डॉ. फिरोज खान की नियुक्ति देश भर में चर्चा में हैं| कुछ लोग दूसरे धर्म के व्यक्ति का संस्कृत पढ़ाने को लेकर विरोध कर रहे हैं, तो उसी बीच RSS ने डॉ. फिरोज खान का समर्थन करते हुए करीब तीन घंटे तक चली बैठक में संघ के पदाधिकारियों ने वैधानिक तरीके से हुई चयन प्रक्रिया के बाद केवल धर्म या संप्रदाय के आधार पर किसी का विरोध करने को अनुचित माना है।
संघ का मानना है कि संस्कृत साहित्य को समर्पित व श्रद्धा भाव से पढ़ाने वाले योग्य शिक्षक का विरोध नहीं होना चाहिए। बैठक में संघ के सभी पदाधिकारियों ने कहा कि यह संस्कृत भाषा एवं साहित्य के प्रसार का प्रभाव है, जिसका लाभ संपूर्ण विश्व को मिलना चाहिए।
लंका स्थित विश्व संवाद केंद्र में शुक्रवार को जिला, विभाग, प्रांत व क्षेत्र स्तर के पदाधिकारियों की बैठक में डॉ. फिरोज की नियुक्ति के विरोध से खुद को अलग करते हुए संघ ने इसे गलत माना है।
काशी प्रांत के विभाग संघचालक डॉ. जयप्रकाश लाल ने बताया कि वैधानिक चयन प्रक्रिया से नियुक्त किसी भी व्यक्ति का सांप्रदायिक आधार पर विरोध विधि विरुद्ध है। इस प्रकार का विरोध सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाला है। उन्होंने कहा कि संघ इस वृत्ति, प्रवृत्ति का विरोध करता है।