– देश की बौद्धिक संपदा के संरक्षण में भी मीडिया को निभानी होगी अहम भूमिकाः गंगाशंकर मिश्र
– ‘मीडिया की सामाजिक जिम्मेदारी तथा जवाबदेही’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन
– नारद जयंती के उपलक्ष्य में किया गया आयोजन, पत्रकारों का किया सम्मान
Todaybhaskar.com
फरीदाबाद| वाईएमसीए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, फरीदाबाद के पत्रकारिता एवं जनसंचार पाठ्यक्रम के अंतर्गत विश्व संवाद केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान में ‘मीडिया की सामाजिक जिम्मेदारी तथा जवाबदेही’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें प्रसार भारती में सलाहकार ज्ञानेन्द्र बरतरिया मुख्य वक्ता रहे। संगोष्ठी का आयोजन देवऋषि नारद जयंती के उपलक्ष्य में किया गया था, जिन्हें प्रासंगिक जानकारी के प्रसार तथा सकारात्मक पत्रकारिता के रूप में जाना जाता है।
इस अवसर पर संगोष्ठी में हिस्सा लेने वाले सभी पत्रकारों को प्रमाण पत्र एवं पटका पहनाकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डीन व मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष प्रो. तिलक राज ने की। इस अवसर पर मानविकी एवं विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. राज कुमार भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. तरूणा नरूला तथा अमनदीप कौर की देखरेख में किया गया।
संगोष्ठी में अपने मुख्य संबोधन में प्रसार भारती में सलाहकार ज्ञानेन्द्र बरतरिया ने पत्रकारिता के बदलते परिवेश में पत्रकारों को बहुमुखी प्रतिभा विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के प्रहरी के रूप में मीडिया की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता, इसलिए पत्रकारों को लोकतंत्र के संरक्षक के रूप में राष्ट्रहित के मुद्दों को प्राथमिकता से उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मीडिया के नये माध्यमों ने पत्रकारिता की दिशा और दशा बदलने का कार्य किया है। युवा पत्रकारों को मीडिया के परम्परागत माध्यमों की बजाये नये माध्यमों के प्रति रूचि दिखाने की आवश्यकता है, क्योंकि रोजगार के अवसर इन्हीं क्षेत्रों में ज्यादा है। उन्होंने कहा कि मेहनत का कोई छोटा रास्ता नहीं है, इसलिए पत्रकारिता में आने वाले युवाओं को दृढ़ इच्छाशक्ति तथा संघर्ष के लिए तैयार रहने की भावना को विकसित करने की आवश्यकता है।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता गंगाशंकर मिश्र ने कहा कि पत्रकारों को राष्ट्रहित के विषयों को संवेदनशीलता से उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि देश की बौद्धिक संपदा के संरक्षण की दिशा में भारत सरकार द्वारा महत्वपूर्ण कदम उठाये गये है। अब अभिनव शोध विचारों को भी पेटेंट करवाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों की राष्ट्रीय हित में बौद्धिक संपदा को संरक्षित बनाये रखने में अपनी रचनात्मक भूमिका निभा सकते है।
इससे पूर्व, संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मानविकी एवं विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. राज कुमार ने कहा कि संगोष्ठी का विषय मीडिया के मौजूदा परिवेश में चर्चा का महत्वपूर्ण विषय है और मीडिया के विद्यार्थियों के साथ-साथ पत्रकारों के लिए भी मीडिया के सामाजिक सरोकार तथा उत्तदायित्वों के प्रति गहनता से विचार करने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम के दौरान वाईएमसीए विश्वविद्यालय के मीडिया विद्यार्थियों द्वारा मीडिया की रचनात्मक भूमिका पर नाटक एवं कविता उच्चारण की प्रस्तुति भी दी गई। संगोष्ठी में विश्व संवाद केन्द्र के विभाग प्रमुख सुभाष त्यागी, विभाग कारवा श्री राकेश त्यागी, संजय अरोड़ा, डॉ. उमेश, सह संयोजक श्री गोपाल आहूजा, सतीश चन्द्र शर्मा, त्रिलोक चंद तथा प्रभात मिश्रा भी उपस्थित थे।