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faridabad। सतयुग दर्शन ट्रस्ट का वार्षिक रामनवमी यज्ञ महोत्सव भूपानी स्थित सतयुग दर्शन वसुंधरा पर सतवस्तु के कुदरती ग्रन्थ व रामायण के अखंड पाठ के साथ आरंभ हुआ। आरम्भिक विधि के उपरांत सजनों को सत्संग के दौरान ट्रस्ट के मार्गदर्शक सजन ने बताया कि ब्राहृ पद सर्वोच्च पद है।
इस पद की प्राप्ति प्रत्येक मानव जीवन का सर्वप्रथम व अंतिम लक्ष्य है। अत:निष्काम भाव से इस पद की प्राप्ति हेतु, अविचार छोड़, ब्राहृ शब्द पर विचार करो और ईश्वर को अनेक नामों से संबोधित करने की बजाय, उसके ब्राहृ होने का सत्य स्वीकारो। यहां ब्राहृ के शब्दिक अर्थ की स्पष्टता देते हुए उन्होंने कहा कि ब्राहृ, वह सब में बड़ी, परम तथा नित्य चेतनसत्ता है जो जगत का मूल कारण और सत्-चित्त-आनंदस्वरूप मानी गई है। यही चैतन्य है व परमार्थी ज्ञान का रुाोत है।