पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को राज्यसभा में कहा, ”संविधान के अनुच्छेद 297A(5) में साफ किया गया है कि ये जीएसटी परिषद को तय करना होगा कि किस तारीख से पेट्रोलियम क्रूड, हाइस्पीड डीजल, मोटर स्पीरिट, प्राकृतिक गैस, जेट फ्यूल पर जीएसटी टैक्स लागू किया जाएगा.”
प्रधान ने आगे कहा कि इस तरह पेट्रोलियम उत्पाद जीएसटी के तहत संवैधानिक स्तर पर शामिल हो चुके हैं. लेकिन इन पर जीएसटी रेट कब से लगेगा, यह फैसला जीएसटी परिषद को लेना है. उन्होंने कहा कि इस परिषद में सभी राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं|
पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से आम आदमी को राहत देने को लेकर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पहले ही एक्साइज ड्यूटी में कटौती कर चुकी है. पेट्रोल और डीजल में दो रुपये की एक्साइज ड्यूटी की कटौती 4 अक्टूबर, 2017 को की गई थी|
प्रधान ने कहा कि हमने एक्साइज ड्यूटी घटाने के साथ ही राज्यों से वैट घटाने की अपील भी की है. इसके बाद 5 राज्यों की सरकारों ने और एक केंद्र शासित प्रदेश की सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले वैट को घटाया है|
बता दें कि पेट्रोल और डीजल के जीएसटी के तहत आने पर उम्मीद जताई जा रही है कि इनकी कीमतें काफी कम हो सकती हैं. क्योंकि जीएसटी के तहत पेट्रोलियम उत्पादों पर अधिकतम 28 फीसदी टैक्स ही लग सकता है|
हालांकि पेट्रोल और डीजल पर जीएसटी के तहत कितना टैक्स लगेगा या फिर इसके लिए क्या व्यवस्था तैयार की जाएगी, इसको लेकर फिलहाल किसी भी तरह की चर्चा नहीं हुई है
अब देखना होगा कि 21 जुलाई को होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक में पेट्रोल और डीजल पर जीएसटी की दरें लागू करने को लेकर कोई चर्चा होती है या नहीं?
पेट्रोल और डीजल को GST में शामिल करने की तैयारी
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desk| पेट्रोल और डीजल को लंबे समय से जीएसटी के तहत लाए जाने की बात हो रही है. हालांकि केंद्र सरकार का कहना है कि पेट्रोलियम उत्पादों को संवैधानिक स्तर पर जीएसटी के तहत लाया जा चुका है.