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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को लोकसभा में थैंक यू मोशन पर भाषण दे रहे हैं. पीएम ने कहा कि सदन न चलने देने से देश का ही नुकसान होता है. उन्होंने कहा, ‘संसद न चलने देने से विपक्ष और देश का नुकसान होता है. बहस के दौरान संसद की गरिमा और मर्यादा बनी रहे. जनहित के तमाम बिल अटके पड़े हैं. बिल पास कराना देशहित में जरूरी है.’
पीएम ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के अध्यादेश फाड़ने का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि 27 सितंबर 2013 को हुई इस घटना को देश भुला नहीं सकता. गौरतलब है कि यूपीए सरकार के दौरान दागी नेताओं के चुनाव लड़ने से संबंधित कैबिनेट में एक अध्यादेश पास किया गया था, जिसे राहुल गांधी ने एक कार्यक्रम के दौरान फाड़ दिया था, और वहां से तुरंत चले गए थे.
राहुल का नाम लिए बिना हमला
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बुधवार को लोकसभा में बयान पर व्यंग्य कसते हुए उन्होंने कहा कि कुछ सांसद मनोरंजन भी कराते हैं, जिससे चलते विपक्ष के प्रतिभावान सांसद नहीं बोल पाते. उन्होंने कहा, कुछ लोगों की जब तक सोच बढ़ती है, तब तक देर हो जाती है.
भाषण के आखिरी पलों में पीएम मोदी ने विपक्ष से कहा कि वो नए हैं, इसलिए जनता का विश्वास सरकार में कैसे बढ़ाया जाए, उसपर सुझाव दें.
पीएम ने कहा कि हर क्षेत्र में एनडीए सरकार का काम कांग्रेस के बेहतर रहा है.
कांग्रेस की देन है गरीबी की जड़ें
पीएम ने कहा कि कांग्रेस ने देश में गरीबी की जड़ें जमा दी हैं. गरीबी, एनडीए सरकार की सफलता का स्मारक नहीं है. उन्होंने कहा कि 60 सालों में भी गरीबों का भला नहीं हुआ है. पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने कम गरीब राज्यों में मनरेगा का लाभ दिया जबकि असली गरीबों तक ये पहुंचने में असफल रहा, इसलिए गरीबी खत्म नहीं हो सकी है. उन्होंने कहा कि गरीब न होते, तो मनरेगा न होता.
सदन रोकने से किसी का भला नहीं
पीएम ने कहा कि हीन भावना की वजह से सदन को चलने नहीं दिया जा रहा है. हल्ला करने वालों को अपनी चिंता है. मोदी ने कहा कांग्रेस से कहा कि जीएसटी बिल भी उन्हीं का है, जिसे वो पास नहीं होने दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि सदन न चलने देने से किसी का भला नहीं होगा.
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पीएम ने इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के कई भाषणों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा देशहित को ऊपर रखा है. राहुल का नाम लिए बिना मोदी ने कहा कि बड़ों की बात माननी चाहिए.
इंदिरा का बयान पढ़ा
विपक्ष की तरफ से ‘मेक इन इंडिया’ का मजाक उड़ाए जाने के मुद्दे पर पीएम मोदी ने सदन में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के भाषण का अशं पढ़ते हुए कहा, ‘जानें ऐसा क्यों है कि हम लोग अपने देश की छवि ऐसे बनाते हैं, जैसे हम भीख का कटोरा लेकर निकले हों. जब हम खुद ऐसे कहते हैं, तो दूसरे लोग यही बात और ज्यादा चिल्लाकर और मजबूती से कहते हैं. ये मैं नहीं कह रहा हूं, ये इंदिरा गांधी का कहना था. 1974 में इंद्रप्रस्थ कॉलेज में दिए भाषण में इंदिरा गांधी ने बात कही थी.
दोहराई राजीव गांधी की बात
पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस नेता राजीव गांधी के एक बयान को पढ़ा, ‘सदन एक ऐसा फोरम है, जहां, तर्क रखे जाते हैं, जहां तीखे जवाब दिए जाते हैं, सरकार पर सवाल उठाए जाते हैं, जहां सरकार को अपना बचाव करना होता है, अपने पक्ष में सफाई देनी होती है, बहस के दौरान किसी को बख्शा नहीं जाता और इसकी उम्मीद भी नहीं की जानी चाहिए. लेकिन बहस के दौरान अगर सदन की गरिमा और मर्यादा बनी रहे तो हम अपनी बात और मजबूती से रख पाएंगे.’ पीएम का मकसद इस बात पर जोर देना था कि सदन को चलने दिया जाए और मर्यादा में रहते हुए सांसद अपना कर्तव्य निभाएं.
राहुल ने भी थपथपाई मेज
पीएम मोदी ने सदन की गरिमा को बनाए रखने के मुद्दे पर जब राजीव गांधी के पुराने भाषण का अंश पढ़कर सुनाया तो राहुल गांधी मुस्कुरा दिए. इसके बाद उन्होंने मेज थपथपाई.
नए सांसदों को मिले मौका
पीएम मोदी ने कहा कि सत्र के दौरान एक हफ्ता ऐसा तय किया जाए, जिसमें सिर्फ पहली बार सांसद बनकर आए नेताओं को बोलने मिले. हालांकि उन्होंने हंसते हुए कहा कि वो ऐसा इसलिए नहीं बोल रहे हैं कि वो खुद पहली बार सांसद बने हैं. मोदी ने कहा कि वो सदन में नए विचारों की जरूरत महसूस करते हैं. नए सांसद देश के लिए बहुत सारी जरूरी बातें सदन के सामने रख सकते हैं, जिसपर काम किया जा सकता है.
पीएम मोदी ने कहा कि 8 मार्च को सदन में सिर्फ महिला सांसदों को बोलने का मौका दिया जाए. उन्होंने सभी पार्टियों से अनुरोध किया, कि उस दिन सिर्फ महिला सांसदों को बोलने दिया जाए.
उठा राजीव के हत्यारों की रिहाई का मुद्दा
राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई का मुद्दा गुरुवार को लोकसभा में भी उठा. विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सदन में कहा कि तमिलनाडु सरकार की इन हत्यारों को रिहा करने की मंशा दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा, ‘अगर तमिलनाडु सरकार राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा करने की बात करती है तो इससे ज्यादा बुरा कुछ नहीं हो सकता. देश की अखंडता के लिए ऐसे लोगों को रिहा करने लिए आए पत्र का सरकार को जवाब ही नहीं देना चाहिए.’
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जयललिता ने दिया रिहाई का सुझाव
गौरतलब है कि बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों को छोड़ने के लिए तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखा था. पत्र में कहा गया था कि इन हत्यारों ने 24 साल से ज्यादा की सजा काट ली है. मानवीय आधार पर इन तथ्यों को देखते हुए उन सबको अब रिहा कर देना चाहिए.
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला सर्वोपरि है. उन्होंने कहा, ‘तमिलनाडु सरकार का खत मिला है, उसपर गौर किया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला मानना हमारा संवैधानिक दायित्व है