नगर निगम ने पेश किया 1876 करोड़ रुपये का बजट

नगर निगम ने पेश किया 1876 करोड़ रुपये का बजट
nagar nigam faridabad,

शहर के विकास के लिए बड़ी रकम तय
Yashvi Goyal
Faridabad । नगर-निगम के सभागार में निगम का वर्ष 2018-2019 आम बजट पेश किया गया। यह बजट निगम की पार्षद सुमन बाला, सीनियर डिप्टी मेयर देवेंद्र चौधरी, उपमहापौर मनमोहन गर्ग एवं आयुक्त मोहम्मद शाइन की अगुवाई में हुआ। बजट में आम सहमति से शहर के विकास कार्यों के लिए 1876 करोड़ रुपये पास किए गए हैं। इस मौके पर वार्ड पार्षदों ने अपने वार्ड की समस्याओं को भी रखा।
आज नगर निगम फरीदाबाद ने करीब 1876 करोड़ रुपये का बजट सदन में मंजूर किया। अब इसे मंजूरी के लिए राज्य सरकार के पास भेजा जाएगा। इस बजट में अनुदान को ही प्रमुख आय माना गया है। जिसमें से बड़ा हिस्सा 1507 करोड़ रुपये अनुदान के मद में ही दिखाया गया है। वहीं सरकार द्वारा विशेष अनुदान के रूप में एक और 98.37 करोड़ रुपये दर्शाए गए हैं। जबकि करों से आए के रूप में केवल 137.63 करोड़ रुपये ही दर्शाए गए हैं। लाइसेंस फी और प्लानिंग विभाग से आय के रूप में करीब 495 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं। वहीं अन्य आय के रूप में 54 करोड़ प्रस्तावित किए गए हैं।
इसी प्रकार खर्च में विकास कार्यों के बाद सबसे बड़ा हिस्सा वेतन के रूप में 315 करोड़ रुपये दर्शाए गए हैं। वहीं विकास कार्यों पर 1444 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं। वहीं 112 करोड़ रुपये अन्य मद में भी खर्च दिखाए गए हैं। नगर निगम के दावे के अनुसार अगले वर्ष क्लोजिंग के समय आय और व्यय के बाद उसके पास करीब 641 करोड़ रुपये बचेंगे। हालांकि इस पर जानकारों को थोड़ा शक है क्योंकि नगर निगम के इतिहास में शायद इतनी बड़ी रकम पहली बार क्लोजिंग बैलेंस के रूप में बचेगी।
नगर निगम ने अपनी कुल आय 2293 करोड़ रुपये में करीब 1600 करोड़ रुपये अनुदानों के मद में दिखाए हैं। आशंका है कि किन्हीं कारणों से यह अनुदान नहीं मिलता है या इसमें कटौती होती है तो सीधा असर नगर निगम क्षेत्र में होने वाले विकास कार्यों पर पड़ेगा।
बजट की बैठक में वार्ड 36 के पार्षद दीपक चौधरी ने पार्षदों को वार्ड में विकास कार्य के लिए 2 करोड़ रुपये के बजट का मुद्दा उठाया। जिस पर सभी पार्षद एक जुट दिखे। यहां तक कि पार्षदों ने यह कहा कि मेयर साहिबा पहले हमारे दो करोड़ रुपये दें तब विकास कार्य आगे बढ़ाएं। वहीं वार्ड पार्षद सुरेंद्र अग्रवाल ने कहा कि निगम में नए-नए आयुक्त आते रहते हैं और हर आयुक्त अपने दो से तीन सलाहकार छोड़ कर चले जाते हैं। जिनका खर्च निगम वहन करता है। हर आयुक्त अपने साथ सलाहकार लाता है और तबादले के बाद भी उसे यहां छोड़ कर चला जाता है। जिस पर महापौर सुमन बाला ने निगमाआयुक्त को कहा कि इन सलाहकारों को हटाया जाए।

#विकास कार्यों की फाइलें रोकते हैं अधिकारी
वार्ड पांच पार्षद ललिता यादव ने अधिकारियों पर विकास कार्यों की फाइलें रोकने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अब तक उनकी 50 फाइलें ऐसी हैं जो पिछले एक साल से पास नहीं की गई हैं। विकास कार्य तो जैसे वार्ड में छू-मंतर से हो रखे हैं। ललिता यादव ने निगमायुक्त के समक्ष दुखड़ा रोते हुए कहा कि साहब उनके वार्ड में पांच ट्यूबवेल तो लगा दिए गए हैं। लेकिन अब तक उनमें बिजली कनेक्शन नहीं किया गया है। जिससे आम जनता को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। जिस पर वार्ड 36 के पार्षद दीपक यादव ने कहा कि उनके भी वार्ड में एक ट्यूबवेल पर बिजली कनेक्शन नहीं लगा हुआ है।

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