– नसबंदी लक्ष्य में मेवात को 1.7 तो रेवाड़ी को 111.6 फीसदी नंबर
– गुरुग्राम की महिलाएं नलबंदी के प्रति उदासीन, हिसार की आगे
Yashvi Goyal
फरीदाबाद। मेवात में प्रदेश का परिवार नियोजन कार्यक्रम पूरी तरह पिछड़ता नजर आया। जहां स्वास्थ्य विभाग के लक्ष्य का केवल 1.7 फीसदी पुरुषों ने ही नसबंदी करवाई। वहीं रेवाडी के पुरुष 111.6 प्रतिशत लक्ष्य सफलता के साथ हरियाणा के सिरमौर बन गए।
प्रदेश सरकार की ओर से जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं लेकिन लगता है कि मेवात के पुरुषों को नियोजन के तरीके पसंद नहीं आ रहे हैं। इसके पीछे अधिकारी शिक्षा के अभाव को बड़ा कारण मानते हैं। यहां विभाग ने नसबंदी के लिए 180 का लक्ष्य तय किया जिसमें से केवल तीन यानि केवल 1.7 प्रतिशत लोगों ने नसबंदी करवाई। वहीं रेवाडी के पुरुष 190 लक्ष्य के सामने 212 नसबंदी करवाकर हरियाणा के सिरमौर बन गए। जबकि यह इलाका भी ग्रामीण है। इस बात का खुलासा स्वास्थ्य विभाग की वर्ष 2017-2018 की रिपोर्ट में हुआ है।
#गुरुग्राम की महिलाएं फिसड्डी, हिसार की आगे
इसी प्रकार महिलाओं के नलबंदी के आंकड़े साइबर सिटी गुरुग्राम की महिलाओं को फिसड्डी बता रहे हैं। आमतौर पर उच्च शिक्षित माने जाने वाले साइबर सिटी गुरुग्राम में स्वास्थ्य विभाग के लक्ष्य 4380 की 37.8 फीसद यानि 1657 महिलाओं ने ही नलबंदी करवाई। वहींं हिसार में स्वास्थ्य विभाग के लक्ष्य 5550 का 142.8 फीसद यानि 7924 महिलाओं ने नलबंदी करवाई। फतेहाबाद 123.6 लक्ष्य प्राप्त कर दूसरे और सिरसा 101.5 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर तीसरे स्थान पर रहा।
#सीएम सिटी दूसरे स्थान पर
परिवार नियोजन के मामले में सीएम सिटी दूसरे नंबर है। यहां के पुरुषों को छोटा परिवार-सुखी परिवार बताने में सरकार सफल होती दिख रही है। करनाल में स्वास्थ्य विभाग ने लक्ष्य का 104.0 प्राप्त हासिल किया है लेकिन नलबंदी के मामले में स्वास्थ्य विभाग लक्ष्य का 47.2 प्रतिशत ही प्राप्त कर पाया है।
#पुरुषों से आगे महिलाएं
हर वर्ष की तरह इस बार भी परिवार नियोजन में महिलाओं ने अधिक ऑपरेशन करवाए। वहीं पुरुष इस मामले में पिछड़ते नजर आए। इस वर्ष 53 हजार 631 महिलाओं पर 1, 751 पुरुषों ने ही नसबंदी करवाई है। जो इस ओर पुुरुषों की बेरुखी को स्पष्ट दिखाता है। ऐसा कहा जा सकता है कि स्वास्थ्य विभाग की प्रोत्साहन योजना भी पुरुषों को आकर्षित नहीं कर सकी है।
#ऑनलाइन हुआ सिस्टम
ऑपरेशन कराने वाले महिला व पुरुषों से जानकारी के साथ अकाउंट नंबर व कोड ले लिया जाता है। जिससे ऑपरेशन कराने वाले लोगों को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि उनके अकाउंट में ही ट्रांसफर कर दिए जाते हैं। जबकि पहले इसके लिए संबंधित विभाग के चक्कर लगाने पड़ते थे।
#प्रोत्साहन किस तरह
-महिलाओं को नलबंदी कराने के लिए 1400 रुपये व प्रसव बाद महिलाओं को 250 दिए जाते हैं।
-पुरुषों को नसबंदी के लिए 2200 रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में दिए जाते हैं।
-मोटिवेट करने वाली एएनएम या आशा वर्कर को हर ऑपरेशन के बाद 200 रुपये दिए जाते हैं।
जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से फरीदाबाद शहर में नलबंदी में 81.0 प्रतिशत एवं नलबंदी में 9.4 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया है। विभाग की ओर से समय-समय पर लोगों को नुक्कड़ नाटक एवं अन्य सभाओं से परिवार नियोजन के लिए जागरूक किया जाता है। वहीं आशा वर्कर घर-घर जाकर लोगों को परिवार नियोजन के बारे में बताती हंै और उन्हें ऑपरेशन कराने के लिए अस्पताल में भी लेकर आती हैं। हालांकि पुरुषों को स्वयं ही परिवार नियोजन के लिए आगे आना चाहिए।
-डॉ. गजराज, जिला अधिकारी, परिवार नियोजन विभाग
#नलबंदी (महिलाएं)
स्थान उपलब्धि प्रतिशत
हिसार 7294 142.8
फतेहाबाद 3448 123.6
सिरसा 3430 101.5
फरीदाबाद 1814 81.0
मेवात 537 43.7
यमुना नगर 1344 39.0
गुरूग्राम 1657 37.8
#नसबंदी (पुरुष)
स्थान उपलब्धि प्रतिशत
रेवाडी 212 111.6
करनाल 312 104.0
महेंद्रगढ 64 80.0
फरीदाबाद 33 9.4
सिरसा 21 9.3
पलवल 18 8.0
मेवात 3 1.7
-आंकडे जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से