परिवार नियोजन में पुरुषों की दिलचस्पी नहीं

परिवार नियोजन में पुरुषों की दिलचस्पी नहीं
parivar niyojan news of haryana

विश्व जनसंख्या दिवस खास
-जरूरत पडऩे पर महिलाओं को कर दिया जाता हैं आगे
-ग्रामीण क्षेत्र के लोग नहीं करवाते परिवार नियोजन
Yashiv Goyal
फरीदाबाद। औद्योगिक नगरी में जनसंख्या नियंत्रण के लिए चलाई जा रही योजनाएं बेमानी साबित हो रही हैं। जिले में परिवार नियोजन के आंकड़ों से चौंकाने वाला सच सामने आया है। परिवार नियोजन में महिलाएं तो दिलचस्पी तो दिखा रही है लेकिन पुरुष परिवार नियोजन के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में से एक भी महिला या पुरुष परिवार नियोजन के लिए आगे नहीं आए। ऐसे में सवाल उठता है कि जनसंख्या नियंत्रण को लेकर सरकारी प्रयास विफल साबित हो रहे हैं या फिर सरकारी योजनाओं को सिर्फ कागजों में चलाकर खानापूर्ति की जा रही है। यदि आंकड़ों की बात की जाए तो वर्ष 2014 से लेकर 2017 तक 9376 महिलाओं ने नलबंदी कराई। इसके मुकाबले 236 पुरुषों ने नसबंदी कराई। यदि जनसंख्या की बात 2011 की जनगणना के अनुसार जिले की जनसंख्या 17.98 पहुंच चुकी है। परिवार नियोजन से जुड़ी एक महिला कर्मचारी ने नाम न छापने की एवज में बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में साक्षरता व जागरूकता का अभाव सबसे बड़ी वजह है कि नसबंदी या नलबंदी का एक भी केस दर्ज नहीं हुआ। इसके पीछे एक बड़ा कारण कुछ साल पहले कौराली गांव में नलबंदी के बाद एक महिला मौत के बाद फैली अफवाहों को भी इसकी वजह बताया जाता है।

#ऑनलाइन हुआ सिस्टम
ऑपरेशन कराने वाले महिला व पुरुषों से जानकारी के साथ अकाउंट नंबर व कोड ले लिया जाता है। जिससे ऑपरेशन कराने वाले लोगों के अकाउंट में रुपये ट्रांसफर कर दिए जाते हैं। जबकि पहले इसके लिए संबंधित विभाग के चक्कर लगाने पड़ते थे।

#नलबंदी के ऑपरेशन हुए फैल
परिवार नियोजन कराने आई महिलाओं के कई ऑपरेशन फैल हो चुके हैं। महिलाएं नलबंदी कराती है और उसके बाद यौन संबंध बनाने पर वह गर्भवती हो जाती है। जिसके बाद उन्हें पता चलता है कि उनका ऑपरेशन फैल हो चुका है। 2014 से लेकर 2017 तक 89 नलबंदी ऑपरेशन फैल हो चुके हैं।

#प्रोत्साहन किस तरह
-महिलाओं को नलबंदी कराने के लिए 1400 रुपये व प्रसव बाद महिलाओं को 250 दिए जाते हैं।
-पुरुषों को नसबंदी के लिए 2200 रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में दिए जाते हैं।
-मोटिवेट करने वाली एएनएम या आशा वर्कर को हर ऑपरेशन के बाद 200 रुपये दिए जाते हैं।

#विभाग की ओर से समय-समय पर लोगों को नुक्कड़ नाटक एवं अन्य सभाओं से परिवार नियोजन के लिए जागरूक किया जाता है। वहीं आशा वर्कर घर-घर जाकर लोगों को परिवार नियोजन के बारे में बताती है और उन्हें ऑपरेशन कराने के लिए अस्पताल में भी लेकर आती है।
-पुष्कर, अधीक्षक, परिवार नियोजन विभाग

#आंकड़े
वर्ष                        नलबंदी (महिलाएं)             नसबंदी (पुरुष)
2014-2015                 3133                          118
2015-2016                 3391                           56
2016-2017                 3252                           62

LEAVE A REPLY