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faridabad। महामृत्युंजय यज्ञ मानव रचना को विरासत में मिला है। इस विरासत को आगे ले जाते हुए, मानव रचना शैक्षणिक संस्थान ने नए साल का स्वागत एक हफ्ते से चल रहे महामृत्युंजय यज्ञ को पूर्णाहूति देते हुए किया गया। इस मौके पर भजन व भंडारे का आयोजन किया गया।
यह कार्यक्रम मानव रचना परिवार के सदस्यों, स्टाफ सभी के लिए एक दूसरे के साथ जुडने का माध्यम रहा। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि सुप्रीम कोर्ट आफ इंडिया के न्यायाधीश अनिल आर दवे व उनकी धर्मपत्नी मीना दवे मौजूद रहीं।
इस मौके पर मानव रचना शैक्षणिक संस्थान की मुख्य संरक्षका सत्या भल्ला ने सभी को नववर्ष की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि मैं कामना करती हूं कि सभी का नया साल मंगलकारी हो। उन्होंने मानव रचना परिवार के सभी सदस्यों से आग्रह किया कि जिस तरह साल 2016 में हम सभी ने एक जुट होकर काम किया है, वैसे ही हम नए साल में साथ रहकर नए लक्ष्यों को प्राप्त करेंगे। उन्होंने बताया कि मानव रचना के फाउंडर चेयरमैन डॉ. ओपी भल्ला की सोच थी कि जैसे हवन से वातारवरण शुद्ध होता है, वैसे ही हवन के द्वारा आने वाली सकारात्मक सोच इंसान के मन को भी शुद्ध करती है। इसी सोच के साथ हर साल महामृत्युंजय यज्ञ का आयोजन किया जाता है। इस मौके पर मानव रचना शैक्षणिक संस्थान के प्रेसिडेंट डॉ. प्रशांत भल्ला व अन्य मौजूद थे।