Todaybhaskar.com Desk| भारत देश के अधिकांश लोग ब्रिटिश का त्यौहार वेलेंटाईन डे, ‘मदर्स-डे’, ‘चॉकलेट डे’ इस प्रकार के अनेक विकृत ‘डे’ मनाते हैं| वास्तव में यह डे कुछ और नहीं बल्कि भारत देश की संस्कृति को दूषित करने के लिए यहां कुछ लोगों द्वारा एजेंडा चलाया जाता है| इन विभिन्न ‘डे’ द्वारा वासना, कामांधता, विकृति, अश्लीलता एवं अनैतिकता का दर्शन होता है। ये सभी सुख क्षणिक हैं। इस प्रकार का अधर्माचरण करने से चरित्र का हनन होता है|
वैलेंटाईन डे का भयावह स्वरूप
विश्व में वैलेंटाईन डे के दिनों में, न्यायालय में प्रविष्ट होने वाले विवाह-विच्छेद के अभियोगों में 40 प्रतिशत वृद्धि होती हैं ! – एक निजी प्रतिष्ठान (कंपनी), अमरीका
भेंटवस्तुएं अधिक मात्रा में खरीदी जाने के कारण भारतीयों के 22 सौ करोड रुपयों से भी अधिक राशि लुट जाती है । – असोचेम उद्योग क्षेत्र का एक संगठन
भारत में अनुमानतः 15 सौ करोड शुभकामना-पत्रों (ग्रीटिंग कार्ड) की ब्रिक्री होती है ।
देहली के एक मेडिकल स्टोर के स्वामी ने बताया, वर्ष 2014 में, 10 फरवरी से ही निरोध व गर्भनिरोधक दवाइयों की मांग में 10 गुना की वृद्धि हुई थी; जिससे अनेक स्टोर्स में यह सामान समाप्त हो गया था । वर्ष 2013 में ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल स्नैपडील डॉट कॉम पर भारत में वैलेंटाईन डे पर एक ही दिन में डेढ लाख निरोध बिके। निरोध की एक कंपनी के सर्वेक्षणानुसार, वैलेंटाईन डे के दिनों में निरोध की बिक्री 25 गुना बढती है|
प्रेमियों का दिन मनाने वाली वर्तमान की युवापीढी
युवक-युवतियां एकत्रित आकर 14 फरवरी का दिन प्रेमियों का दिन मनाते हैं । इस दिन वे एक-दूसरे को भेंटवस्तु तथा फूल अथवा ‘पार्टी’ देकर प्रेम व्यक्त करते हैं । वैलेंटाईन डे मनाना, पश्चिमी संस्कृति की अनैतिकता का अनुसरण व हिन्दू संस्कृति का अनादर है। आर्थिक लाभ हेतु प्रसार माध्यम / शुभकामना पत्र-निर्माता इसका प्रसार करते हैं । इससे हिन्दुओं के एक दिन के राष्ट्रांतरण एवं धर्मांतरण को प्रोत्साहन मिलता है ।
अभिभावकों के उचित-अनुचित पद्धति का आचरण करने वाले बालक
यदि आपने प्रेमियों का दिन 26 वें वर्ष में मनाया होगा, तो आपके बच्चे 16वें वर्ष में ही वह मनाएंगे । यदि हममें अनैतिकता की मात्रा 40 प्रतिशत होती है, तो बालकों में वह 70 प्रतिशत होती हुई दिखाई देगी । ध्यान में रखें कि आपके बालक आपकी अपेक्षा सभी बातों में आगे बढ रहे हैं । यदि आप धर्माचरण कर रहे हैं, तो आपके बालक भी आपसे आगे बढकर धर्माचरण करेंगे । यदि आप अनैतिकता का आचरण करेंगे, तो भविष्य की पीढी भी अनैतिक होगी ।
चरमसीमा तक निर्ल्लज होने वाले हिंदु
14 फरवरी को हिंदु प्रेमी-प्रेमिका माता-पिता का विस्मरण कर उनके मन के विरूद्ध आचरण करते हैं । उस क्षणिक सुख के लिए आत्महत्या तक के लिए भी प्रवृत्त होते हैं । यदि आप वास्तव में हिंदुस्थान में जन्मे हैं अथवा आपके माता-पिता ने आपके बचपन में आप पर अच्छे संस्कार किए हैं तथा आपको चरित्रहीन होने से दूर रहना है, तो 14 फरवरी, यह दिन मनाना छोड दें तथा उसे मनाने वालों का प्रबोधन कर उन्हें इससे दूर करें, तो ही आपका जन्म सार्थक होगा ।
स्रोत : दैनिक सनातन प्रभात