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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने खाप पंचायत जैसी सभी प्रथागत अदालतों को वैध और संविधान के खिलाफ बताया है। विधि एवं न्याय मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने आज लोकसभा में कहा कि कई राज्यों में खाप पंचायत और उनके जैसी अन्य प्रथागत अदालतें न्याय के नियम और संविधान के विरुद्ध चल रही हैं। विधि मंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान कहा कि खाप पंचायत एक गंभीर मुद्दा है और राज्य सरकारों को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। सदानंद गौड़ा बीजू जनता दल के रवीन्द्र कुमार जेना के सवाल का जवाब देते हुए बोल रहे थे। जेना ने पश्चिम बंगाल में ऐसी ही एक सभा द्वारा एक आदिवासी महिला से सामूहिक बलात्कार का फरमान जारी किए जाने का जिक्र करते हुए कंगारू कोर्ट और खाप पंचायतों के फैसलों की कानूनी स्वीकार्यता के संबंध में विधि मंत्री से सवाल किया था। गौड़ा ने कहा कि खाप पंचायत जैसी कुछ पारंपरिक कानून हैं, जो ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़ और कई अन्य राज्यों में आज भी चल रही हैं। लेकिन ये पारंपरिक कानून और इन्हें जारी करने वाली संस्थाएं न्याय के कानून और संविधान के खिलाफ हैं। उन्होंने इनके खिलाफ कार्रवाई संबंधी जेना के सवाल पर कहा कि यह गंभीर मामला है लेकिन कानून व्यवस्था राज्यों का विषय है और राज्यों को ही इसे देखना है। गौरतलब है कि भाजपा शासित हरियाणा राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हाल ही में एक साक्षात्कार में खाप पंचायतों का समर्थन करते हुए कहा था कि ये सामाजिक बुराइयों पर नियंत्रण रखती हैं।