जनता की सेवा करना मेरा कर्तव्य – भाटी

जनता की सेवा करना मेरा कर्तव्य – भाटी
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कांग्रेस के युवा नेता ओ पी भाटी

-कांग्रेस नेता ओमप्रकाश भाटी युवा व बुजुर्ग हर वर्ग में लोकप्रिय
-लोग कहते हैं, तेजी से बढ़ रहे हैं उनके कदम
यशवी गोयल
फरीदाबाद। जनता की सेवा करना मेरा कर्तव्य है, जिसे लेकर मैं पिछले दस साल से जनता के बीच मौजूद हूं, उनकी कोई भी परेशानी मुझे मेरी परेशानी लगती है। ऐसा नहीं कि सिर्फ मैं बताने मात्र के लिए ही बोल रहा हूं। बल्कि मेरा पिछले बीते सालों का रिकॉर्ड देखा जाए कि मैंने जनता से जुडे् मुद्दों को प्रशासन से संघर्ष कर, पत्र व्यवहार कर, व्यक्तिगत रूप से मिलकर हल करवाया और आगे भी जनता के लिए खड़ा रहूंगा। यह बात कांग्रेस के युवा नेता ओ पी भाटी ने टुड़े भास्कर से खास मुलाकात में कही। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश :-
ओपी भाटी बताते हैं कि मैं राजनीति से पहले जनता का काम करना पसन्द करता हूं। यदि मेरे सामने कोई परेशान खड़ा हो तो मैं देख नहीं सकता। मुझे सबसे पहले उस व्यक्ति की परेशानी को जानकर उसे सुलझाने में सुकून मिलता है। आज लोग सिर्फ राजनीति अपने द्वेष भावना के चलते करते हैं, उन्हें गरीब जनता से कोई लेना देना नहीं है। यदि जो जनता नेताओं को चुनकर अपना राजा बना सकती है। तो वह राजा बाद में उनकी परेशानियों को क्यों नहीं सुनता। उन्होंने बताया कि मेरे पिता जी ठाकुर बीरबल सिंह भी कांग्रेस में नेता थे। वह भी समाजसेवा के लिए हमेशा आगे रहते थे, यह गुण मुझे वहीं से मिला है।
ओपी भाटी का कहना है कि उन्होंने अपने निजी स्तर पर जनता के लिए प्रोजेक्ट चलाए हैं। जिसमें कंप्यूटर लिटरेसी कार्यक्रम, सिलाई कढाई बुनाई प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किए हैं। इसके अलावा अपने ऑफिस पर आने वाले व्यक्तियों के आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर कार्ड, विभिन्न प्रकार की पेंशन आदि में वह उनकी मदद भी करते हैं। देश में युद्ध के मुद्दे पर ओपी भाटी का कहना है कि युद्ध करवाना कहीं की समझदारी नही है। इससे देश की तरक्की रूकेगी बल्कि देश 30 साल पीछे चला जाएगा। जो लेाग देश के नाम पर राजनीति कर रहे हैं उन्हें मेरी सलाह है कि एक बार पिछले युद्ध के बारे में सोच कर देखिए देश का क्या हाल हो गया था। अगर आज इतिहास दोहराएगा तो गरीब आदमी दाने-दाने के लिए मोहताज हो सकता है। हां हमारी सेना बहुत बहादुरी से सरहद पर दुश्मनों का सामना कर रही है। यदि मैं यह कहूं कि सरहद पर फौज है, इसलिए तेरी-मरी मौज है तो यह शब्द गलत नहीं होंगे।
निगम पार्षद चुनावों पर लटकी स्टे की तलवार हटने से प्रसन्न हैं ओपी भाटी। उनका कहना है कि वह निगम पार्षद का चुनाव लडऩा चाहते हैं लेकिन कांग्रेस पार्टी और जनता मुझे मौका देगी तो मैं जरूर पार्षद क ा चुनाव लडूंगा और जीत भी हासिल करूंगा। मुझे जनता की सेवा करने के लिए और प्रशासनिक शक्तियां हासिल हो जाएंगी। जिसका सीधा लाभ जनता को मिलेगा।

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