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फरीदाबाद। एन आई टी के विधायक नगेन्द्र भड़ाना ने कहा है कि मुख्यमंत्री, मंत्री, राज्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष की ऐच्छिक अनुदान राशि में बढ़ोतरी का स्वागत होना चाहिए। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री का यह स्वागत योगय कदम हैं। विधायकों को भी विकास कार्यों के लिए ऐच्छिक अनुदान राशि मिलनी चाहिए वर्तमान में विधायकों को विकास कार्यों के लिए कोई ऐच्छिक अनुदान राशि निश्चित नहीं है जिसके कारण विधायकों को जनहित के कार्यों में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। विधायकों को कम से कम तीन करोड़ रूपये सलाना ऐच्छिक अनुदान राशि मिलनी चाहिए ताकि विकास कार्य सूचारू रूप से चल सकें।
विधायक नगेन्द्र भड़ाना ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, सभी विधायकों को इस बाबत चिटठी लिखी। उन्होंने कहा कि विधायकों को अपने क्षेत्रों की समस्याओं के बारे में अधिक जानकारी होती है। जब वह लोगों के बीच जाते हैं तो लोग अपनी समस्याओं को उनके समक्ष रखते हैं। और ऐच्छिक अनुदान राशि न होने के कारण विधायकों को समस्याएं हल करने के लिए दिक्कतें आती हैं। लोकतंत्र में चुने हुए जनप्रतिनिधियों को भी स्वयं निर्णय लेने का अधिकार होना चाहिए और ऐच्छिक राशि विधायकों के पास होगी तो वह जनता की उम्मीदों पर खरा साबित हो सकेंगे। क्योंकि सत्तासीन मंत्री तो अपने क्षेत्र ऐच्छिक अनुदान राशि का इस्तमाल कर लेते हैं और सत्ता से जुड़ा न होने के कारण ऐसे विधायकों को विकास कार्य करवाने में परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। लोकतंत्र की मजबूती के लिए यह जरूरी है कि सभी विधायकों को ऐच्छिक अनुदान राशि मिले ताकि वह भी अपने क्षेत्र की समस्याओं को प्राथमिकता से हल करवा सके। यहीं नहीं विधायकों को ऐच्छिक अनुदान राशि न मिलना भी एक तरह से लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ हैं। इस मामले में वह विकास पुरूष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी पत्र लिख कर मांग की कि विधायकों के लिए भी ऐसी व्यवस्था करें जिससे हरियाणा के विधायकों ऐसी सुविधा मिले जिससे वह स्वयं अपने अनुदान से विकास कार्यों को करवा सकें। जिस तरह मंत्रियों, संसदीय सचिव, सासंदों, दिल्ली के पार्षदों को विकास कार्यों के लिए ऐच्छिक अनुदान राशि तय है उसी तर्ज पर विधायकों को भी ऐच्छिक अनुदान राशि मिलनी चाहिए। यह बातें भड़ाना प्रेस को दिए एक ब्यान में कहीं।
भड़ाना ने कहा कि शीघ्र ही इस बाबत वह मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर को पत्र लिखा और इस बाबत वह स्वयं मिलकर इस सम्बंध बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा कि इस तरह की व्यवस्था फरीदाबाद नगर निगम के पार्षदों को भी मिलनी चाहिए ताकि वह अपने क्षेत्र में ऐच्छिक अनुदान राशि की मदद से विकास कार्यों को अंजाम दे सकें।