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चंडीगढ़| हरियाणा विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय आगामी शैक्षणिक सत्र से मशहूर भारतीय पारंपरिक भोजन के निर्माता के साथ मिलकर पारंपरिक भोजन तथा मिष्ठान के निर्माण का एक डिप्लोमा कोर्स शुरू करने जा रहे हैं। इस आशय के अनुबंध पर आज दोनों पक्षों ने आज हस्ताक्षर किए।
कार्यक्रम के दौरान श्री राज नेहरू कुलपति (एचवीएसयू) ने कहा कि इस पाठ्यक्रम की मदद से उन विद्यार्थियों को शिक्षा की मुख्यधारा में जोड़ा जाएगा। जो कि पारंपरिक भोजन के निर्माण में रूचि रखते है और क्षेत्र में अपना व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं। श्री रमेश अग्रवाल डायरेक्टर बीकानेरवाला फेस लिमिटेड ने आशा व्यक्त की कि इस पाठ्यक्रम के माध्यम से अभिभावकों तथा छात्रों में भारतीय पारंपरिक भोजन और मिष्ठान के प्रति रुचि जागृत होगी। उन्होंने यह भी बताया कि पारंपरिक भोजन का व्यवसाय भारत में ही नहीं अपितु दुनिया के अन्य देशों में भी तेजी से बढ़ रहा है इसलिए इस क्षेत्र में रोजगार एवं स्वरोजगार की संभावनाएं पर्याप्त है। संयुक्त निदेशक कर्नल उत्कर्ष राठौर ने बताया कि कोर्स की पात्रता 10+2 तथा कोर्स की अवधि एक साल की होगी और पूरा पाठ्यक्रम डुअल एजुकेशन मॉडल के तहत बीकानेरवाला के प्लांट में और रेस्टोरेंट में चलाया जाएगा।
इस अवसर पर समझौते के दौरान कुलसचिव डॉ सुनील कुमार गुप्ता (एचवीएसयू) और निदेशक श्री रमेश अग्रवाल (बीकानेरवाला) के मध्य साइन किया गया।
इस अवसर पर मौजूद एचवीएसी के सदस्य संयुक्त निदेशक कर्नल उत्कर्ष राठौर, सुश्री चंचल भारद्वाज परीक्षा नियंत्रक, उपनिदेशक संजय भारद्वाज, उपकुलसचिव डॉ ललित कुमार शर्मा, संजीव तायल सहायक कुलसचिव, शिखा गुप्ता सहायक कुलसचिव, मीनाक्षी कौल सीनियर स्किल कोऑर्डिनेटर, प्रवीण सैनी लेखा अधिकारी, सहायक उपनिदेशक रवि सिन्हा मौजूद रहे।