वस्तु नहीं, उसका मोह छोडऩे का नाम वैराग्य – स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य

वस्तु नहीं, उसका मोह छोडऩे का नाम वैराग्य – स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य
shri sidhdata ashram

-श्री सिद्धदाता आश्रम में नववर्ष एवं गुरु महाराज के जन्मदिवस पर हजारों ने नवाया सिर
Todaybhaskar.com
फरीदाबाद। यदि इंद्रियों पर नियंत्रण करते हुए सुखद जीवन जीना चाहते हो तो वस्तुओं में मोह को त्याग दो। यह बात श्रीमद जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने आज यहां श्री सिद्धदाता आश्रम में भक्तों को दिए प्रवचन में कही। यहां नववर्ष एवं अपने गुरु के जन्मदिवस को मनाने के लिए हजारों लोगों ने भागीदारी की।
इस अवसर पर स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने कहा कि आमतौर पर लोगों को धर्माचरण करने के लिए वैराग्य की शिक्षा दी जाती है। उन्हें बताया जाता है कि इस संसार की वस्तुएं और यह जीव का शरीर भी नष्ट होने वाला है, इसलिए इनमें न फंसें परन्तु जीवन जीने के लिए वस्तुओं का संयोजन और संग्रह भी उतना ही जरूरी है जितना कि सांसें। वास्तव में वैराग्य का अर्थ वस्तुओं को छोडऩा नहीं बल्कि उनमें मोह का छोडऩा है। स्वामीजी ने कहा कि आज व्यक्ति परेशान है लेकिन वह किसी अन्य के नहीं बल्कि स्वयं के कारण परेशान है। उसे दूसरे की माननी नहीं है और चाहता है दूसरे सभी उनकी बात को मानें, जो हो नहीं सकता। स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी ने अनेक उदाहरणों एवं भजनों के माध्यम से भक्तों को मानवता अपनाने, प्रभु भक्ति करने, सदाचरण करने, गुरु आज्ञा का पालन करने, गृहस्थ धर्म का ईमानदारी से पालन करने और अपने कत्र्तव्यों का निर्वहन करते हुए जीवन जीने की शिक्षाएं दीं।
श्रीमद जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने श्री सिद्धदाता आश्रम द्वारा प्रकाशित कई प्रकार के कलैंडर, डायरी, मासिक और वार्षिक पत्रिकाओं का भी विमोचन किया। वहीं आश्रम के भक्त बच्चों ने अनेक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से सभी का मन मोह लिया। मशहूर भजन गायक संजय पारिख ने हैप्पी बर्थडे टू यू आदि अनेक भजनों से भक्तों को जमकर झुमाया। स्वामी जी ने प्रत्येक भक्त को प्रसाद एवं आशीर्वाद प्रदान किया।
इनसे पहले देश विदेश के भक्तों सहित भाजपा नेता राजेश नागर ने श्री गुरु महाराज का माल्यार्पण कर स्वागत किया। सभी भक्तों के लिए आश्रम की ओर से लंगर की व्यवस्था की गई थी वहीं दर्जनों छबीलों पर भक्तों के लिए अनेक प्रकार के भोज्य पदार्थ उपलब्ध कराए गए थे।

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