टुडे भास्कर डॉट कॉम
सरकारी बैंकों के कर्मचारी 25 फरवरी से चार दिन की हड़ताल पर जाएंगे. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारी यूनियनों ने वेतन बढ़ोतरी की मांग पर 25 फरवरी से चार दिन की हड़ताल पर जाने की आज चेतावनी दी है।
यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन्स (यूएफबीयू) के संयोजक एम वी मुरली ने कहा कि बैंक नवंबर 2012 से वेतनमानों में 15 प्रतिशत वृद्धि मानकर चल रहे हैं. इस तरह, बैंक पहले से ही अपने खातों में 15 प्रतिशत वेतन वृद्धि को शामिल किये हुए हैं लेकिन पेशकश केवल 13 प्रतिशत है. नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स के महासचिव अश्विनी राणा ने कहा कि बैंक कर्मचारी यूनियनों ने आम राय से 25 से 28 फरवरी तक चार दिन की हड़ताल पर जाने का फैसला किया है. मुरली ने कहा, यह कर्मचारियों को मंजूर नहीं है जो प्रधानमंत्री जनधन योजना को सफल बनाने समेत तमाम बाध्यताओं को पूरा करते रहे हैं. जनधन की सफलता को प्रधानमंत्री ने भी स्वीकार की है।
उन्होंने कहा कि जबतक मांगें पूरी नहीं हो जाती, हमने हड़ताल के आह्वान पर कायम रहने का निर्णय किया है. इस महीने की शुरुआत में इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबी) ने अपनी पेशकश 12.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 13 प्रतिशत कर दिया जबकि यूनियन वेतन में 19 प्रतिशत वृद्धि की मांग कर रहे हैं. ऑल इंडिया बैंक इंप्लायज एसोसिएशन के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने कहा, मुख्य श्रम आयुक्त के सुझाव पर आईबीए ने 23 फरवरी को यूएफबीयू के साथ बातचीत करने पर सहमति जताई है. आईबीयू सरकारी बैंकों की शीर्ष संस्था है।
यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन्स (यूएफबीयू) के संयोजक एम वी मुरली ने कहा कि बैंक नवंबर 2012 से वेतनमानों में 15 प्रतिशत वृद्धि मानकर चल रहे हैं. इस तरह, बैंक पहले से ही अपने खातों में 15 प्रतिशत वेतन वृद्धि को शामिल किये हुए हैं लेकिन पेशकश केवल 13 प्रतिशत है. नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स के महासचिव अश्विनी राणा ने कहा कि बैंक कर्मचारी यूनियनों ने आम राय से 25 से 28 फरवरी तक चार दिन की हड़ताल पर जाने का फैसला किया है. मुरली ने कहा, यह कर्मचारियों को मंजूर नहीं है जो प्रधानमंत्री जनधन योजना को सफल बनाने समेत तमाम बाध्यताओं को पूरा करते रहे हैं. जनधन की सफलता को प्रधानमंत्री ने भी स्वीकार की है।
उन्होंने कहा कि जबतक मांगें पूरी नहीं हो जाती, हमने हड़ताल के आह्वान पर कायम रहने का निर्णय किया है. इस महीने की शुरुआत में इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबी) ने अपनी पेशकश 12.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 13 प्रतिशत कर दिया जबकि यूनियन वेतन में 19 प्रतिशत वृद्धि की मांग कर रहे हैं. ऑल इंडिया बैंक इंप्लायज एसोसिएशन के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने कहा, मुख्य श्रम आयुक्त के सुझाव पर आईबीए ने 23 फरवरी को यूएफबीयू के साथ बातचीत करने पर सहमति जताई है. आईबीयू सरकारी बैंकों की शीर्ष संस्था है।