Yashvi goyal
फरीदाबाद। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जेनेवा में दुनिया के 15 सबसे प्रदूषित शहर की सूची जारी की गई है। जिनमें से 15 शहरों में फरीदाबाद का नंबर दूसरे स्थान पर है। जिसमें भारत के 14 शहर शामिल हैं। जिससे भाजपा सरकार चौरतरफा घिर चुकी है।
गौरतलब है कि शहर को स्मार्ट सिटी बनाने में जुटी भाजपा सरकार की पोल सर्वे ने खोल दी है। यहां तक कि फरीदाबाद एक ऐसा शहर है जहां की कृष्णा कॉलोनी में आकर प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने झाडु लगाकर स्वच्छता अभियान की शुरूआत की थी और वायदा किया था कि वह शहर को स्मार्ट सिटी बनाकर ही दम लेंगे, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन का सर्वे जारी होने के बाद प्रदेश सरकार की किरकिरी हो रही है।
प्रदूषित शहरों की सूची में फरीदाबाद का नाम आते ही सोशल मीडिया पर स्मार्ट सिटी का मजाक बनने लगा है। लोगों ने तो सोशल मीडिया पर यह तक कह ड़ाला कि मुबारक हो फरीदाबाद ने सिल्वर मेडल जीता है गंदगी में।
बताते चलें कि 14 शहरों में कानपुर का नंबर सबसे शीर्ष पर है और इस सूची में दिल्ली छठे पायदान पर। उल्लेखनीय हैं कि वायु प्रदूषण के मामले में दिल्ली 2015 की रिपोर्ट में चौथे स्थान पर थी, जो अब खिसक कर छठवें स्थान पर पहुंच गई है।
भारत के 14 शहरों की स्थिति बेहद खराब है। इस सूची में उत्तर प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा शहर कानपुर पहले स्थान पर है। कानपुर के बाद फरीदाबाद, वाराणसी, गया, पटना, दिल्ली, लखनऊ, आगरा, मुजफ्फरपुर, श्रीनगर, गुडग़ांव, जयपुर, पटियाला और जोधपुर शामिल हैं। पंद्रवें स्थान पर कुवैत का अली सुबह अल- सलेम शहर है।
डब्ल्यूएचओ के आंकड़े बताते हैं कि 2010-2014 के बीच में दिल्ली के प्रदूषण स्तर में मामूली सुधार हुआ है, लेकिन 2015 से स्थिति फिर बिगडऩे लगी है। वायु प्रदूषण को लेकर डब्ल्यूएचओ 100 देशों के 4,000 शहरों का अध्ययन किया है। यह अध्ययन बताता है कि दिल्ली में 2010 और 2014 के बीच हवा की स्थिति में मामूली सुधार आया, लेकिन 2015 से हालात फिर बिगडऩे लगे।
#भाजपा नेताओं के काबू में नहीं अधिकारी
शहर में सफाई का जिम्मा नगर-निगम अधिकारियों के पास है लेकिन अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंगती। स्थानीय पार्षदों तक का यह कहना है कि जब ये मंत्री की न सुणे तो म्हारी कैसे सुन लेंगे।
#वरिष्ठ कांग्रेसी नेता लखन कुमार सिंगला ने कहा कि हाथों में झाडू लेकर फोटो खिंचवाने से सफाई नहीं हो सकती। इसके लिए प्रयास करने पड़ेंगे। आज पूरा शहर गंदगी से अटा पड़ा है। प्रशासन पर शासन की कोई पकड़ नहीं है या कोई मिलीभगत है यह तो सरकार जाने लेकिन फरीदाबाद के लोग दूसरे शहरों में जाने पर अपने शहर का नाम बताने में झिझकेंगे। जिसके लिए पूरी तरह से भाजपा के नेता जिम्मेदार हैं।