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faridabad| उत्तर प्रदेश के बडौत में पैदा हुई 38 साल की बी.ए.एम.एस. एवं मशहूर गायनाकॉलोजिस्ट डॉ नीति सिंह फरीदाबाद के सेक्टर 56 समयपुर रोड़ स्थित डॉ पवन हास्पीटल की प्रोपराईटर हैं।
पेश हैं टुडे भास्कर की उनसे हुई मुलाकात के कुछ अंश :
डॉ नीति सिंहकहती है कि समाज में बेटियों को सिर्फ उनकी शादी-ब्याह होने के लिए शिक्षित न करके बल्कि उनको सेल्फ डिपेंड होने के लिए शिक्षा दें। ताकि वह पढ़ लिखकर अपने पैरों पर खड़ी हो सकें।
डॉ नीति सिंह का जन्म उत्तर प्रदेश के बड़ौत में हुआ, उनके पिताजी ओमप्रकाश चौहान किसान हैं। वह बताती हैं कि सामान्य परिवार से होने के बावजूद भी मेरे पिता ने मुझे पढ़ाया व मुझे यह सिखाया कि आप अपने काम को स्वयं करना सीखें, किसी के सहारे न रहें। डॉ नीति ने रोहतक के एमडी यूनिवर्सिटी से बी.ए.एम.एस. की पढ़ाई पूरी कर बड़ौत स्थित शांति सागर धर्मार्थ चेरिटेबल ट्रस्ट में सेवा की। वर्ष 2004 में उनकी शादी डॉक्टर पवन सिंह के साथ हुई, जिसके बाद वह फरीदाबाद आई। यहां आकर वह अपने पति के साथ पवन हास्पिटल में हाथ बंटाने लगी। डॉ नीति बताती हैं कि पवन हास्पिटल पिछले 12 सालों से ग्रामीण लोगों की सेवा कर रहा है। उन्होंने बताया कि पवन हॉस्पिटल में ग्रामीण तबके के लोग आते हैं। जिनकी सोच आज ाी बेटियों के प्रति नकारात्मक है। वह उन गांव के लोगों को समझाती हैं कि बेटियां होना समाज में उतना ही जरूरी है, जितना कि बेटे। यदि बेटियां नहीं होगी तो यह समाज नहीं चलेगा। वह अस्पताल में आई गर्भवती महिलाओं को कहती हैं कि एक बार बेटी को पढ़ाओ तो सही, उसे आगे बढऩे की आजादी दो, तो वह तु हारा और अपना दोनों का नाम रोशन करेगी। डॉ नीति कहती हैं कि लोग अपनी बेटियों को केवल इसलिए शिक्षित न करें कि वह पढ़ लिखकर अच्छे घर परिवार में शादी कर पाएंगी बल्कि यह सोचें कि शिक्षित होर वह सेल्फ डिपेंड बन सकेंगी और अपने पैरों पर खड़ी होकर समाज में आगे बढ़ पाएंगी।
एक गायनाकॉलोजिस्ट होने के नाते वह महिलाओं को संदेश देती हैं कि वह अपनी सेहत का ध्यान रखें। इसके लिए समय निकालकर जागिंग, एक्सरसाईज व योग करें। जिससे वह अपने शरीर व मन दोनों को दुरुस्त रख पाएंगी।
डॉ नीति सिंहकहती है कि समाज में बेटियों को सिर्फ उनकी शादी-ब्याह होने के लिए शिक्षित न करके बल्कि उनको सेल्फ डिपेंड होने के लिए शिक्षा दें। ताकि वह पढ़ लिखकर अपने पैरों पर खड़ी हो सकें।