-विकास कार्यों के नाम पर खोद दिया गया पूरा शहर, उड़ती धूल के कारण परेशान हो रहे लोग
-लोगों को अनेक बीमारियों ने सताता तो डाक्टर भी देने लगे सावधानी की सलाहें
Yashvi Goyal
Faridabad। स्मार्ट सिटी फरीदाबाद में लोगों को विकास कार्य का स्वाद मिला नहीं लेकिन बीमारियां जरूर सौगात में मिल गईं। विकास कार्य के नाम पर सडक़ों को खोद डाला है और जहां निर्माण हो रहे हैं वहां भी मिट्टी खुले में पड़ी है जिसके कारण पूरा शहर धूल की एक चादर से ढंक गया है। नतीजा लोगों को अनेक बीमारियों का शिकार होना पड़ रहा है। अब तो डाक्टर भी लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं।
फरीदाबाद में पिछले सात आठ महीने से विकास कार्य के नाम पर जगह जगह सडक़ों को खोदा जा रहा है। खोदने की स्पीड तेज लेकिन बनाने की बेहद धीमी होने के कारण चोरों ओर धूल और गर्त ही नजर आती है। इसके कारण लोगों को सांस लेने व आंखों में जलन की गंभीर समस्या हो रही हैं। चिकित्सकों के अनुसार लंबे समय तक धूल-मिट्टी में रहने के कारण सांस संबंधी बीमारी होने लगती है। यही कारण है कि जिला सिविल अस्पताल में भी सांस व आंख रोग संबंधी रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
#सांस लेने में हो रही समस्या
जिला बीके अस्पताल के फिजिशयन डॉ. मोहित अग्रवाल ने बताया कि फरीदाबाद में यकायक सांस रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने बताया कि यहां मिट्टी उडऩे के कारण लोगों को गले में इंफेक्शन जैसी समस्या हो रही है। वहीं नेत्र रोग विशेषज्ञ जयंत आहुजा का कहना है कि वह बाहर से घर में आने के बाद आंखों को ठंडे पानी से जरूर धोएं। क्योंकि आंखों में धूल-मिट्टी होने के कारण आंखों की रोशनी तक पर असर पड़ता है।
#कहां-कहां खोदी गई हैं सडक़
शहर में नीलम-बाटा रोड़़, सेक्टर-23, व्हर्लपूल रोड, प्याली रोड, हार्डवेयर रोड, सेक्टर-37 मेन रोड, बल्लभगढ़ मोहना रोड, एनआईटी-पांच रेलवे रोड, पृथला विधानसभा में भी कई जगह सडक़ों को खोद दिया गया है।
#बाबा रामकेवल, पूर्व मंत्री पुत्र व अन्य दे रहे धरना
सडक़ों के निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए बाबा रामकेवल एवं पूर्व मंत्री शिव चरण लाल शर्मा के पुत्र मुनेश शर्मा पिछले 15 दिनों से धरने पर बैठे हैं। बाबा रामकेवल का कहना है कि यदि अधिकारियों को चढ़ा है भ्रष्टाचार का रंग तो हमें भी चढ़ा है समाजसेवा का रंग। शहर में सडक़ें तो बनकर रहेंगी।
#बरसात के दिनों में करना पड़ सकता है समस्या का सामना
जगह-जगह खोदी जा रही सडक़ों को यदि जल्द ही सरकार की ओर से नहीं बना या गया तो बरसात का मौसम आने वाला है। जिससे खुदी सडक़ों पर वाहन चालकों को गड्डों में गिरने का खतरा बढ़ जाएगा।
क्या कहते हैं लोग
मैं यहां अपने रिश्तेदार के घर आया हुआ हूं। जब शहर में आया तो यकीन ही नहीं हो रहा था कि किसी शहर में ऐसे सडक़ें खुदी हो सकती हैं। यहां सडक़ों पर चलने में समस्या का सामना करना पड़ता है। उड़ती धूल आंखों में चली जाती है। जिससे आंखों में जलन की समस्या बन गई है।
-एसके आनंद, दिल्ली निवासी
मैं ऑटो ड्राइवर हूं। सडक़ें खुदी होने के कारण हमें समस्या का सामना करना पड़ रहा है। रोजाना भगवान के भरोसे घर से निकलते हैं कि कहीं किसी दिन किसी गड्डे में न गिर जाएं। हर समय रोड पर रहने से मिट्टी फेफड़ों में जा रही है। जिससे मुझे सांस लेने में समस्या आ रही है।
-जीतू, गोंछी निवासी
मैं फेक्ट्री मजदूर हूं। रोजाना नीलम-बाटा रोड से गुजरता हूं। पिछले आठ माह से यह सडक़ खुदी हुई है लेकिन आज तक नहीं बनी है। रोजाना यहां से गुजरने पर मुझे सांस संबंधी समस्या होने लगी है। रोजाना दवा खाकर घर से निकलता हूं। डॉ. ने धूल-मिट्टी से बचाव के लिए कहा है लेकिन काम तो करना ही है।
-राजन शर्मा, सरुपुरा निवासी
नगर निगम के मुख्य अभियंता डी आर भास्कर का कहना है कि हार्डवेयर रोड का काम जल्द ही शुरू किया जाएगा। इसका ऐस्टीमेट बन चुका है और बाकी रोड पर काम चल रहा है। विकास कार्य में समय तो लगता ही है।