दिल्ली के स्मॉग की चपेट में आ रहा फरीदाबाद 

दिल्ली के स्मॉग की चपेट में आ रहा फरीदाबाद 
air quility index

-दिल्ली से शहर की ओर आ रही हवाओं के कारण बढ़ रहा शहर में कोहरा और स्मॉग
यशवी गोयल
फरीदाबाद। औद्योगिक नगरी एक बार फिर से गैस चैंबर में तब्दील होने लगी है। यहां वायु प्रदूषण खतरनाक स्थिति पर पहुंच गया है। शहर के हालात सुधरने के नाम नहीं ले रहे हैं। तीन दिन से लगातार वायु प्रदूषण बढ़ रहा है। आज पूरा दिन कोहरे के साथ स्मॉग छाया रहा। हालांकि दोपहर होते होते स्मॉग कम होता चला गया। विज्ञानियों का कहना है कि दिल्ली से फरीदाबाद की ओर आ रही हवाओं के कारण यहां स्मॉग में बढ़ोतरी हुई है।
राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक के अनुसार सोमवार को सुबह आठ बजे वायु प्रदूषण का स्तर &&8 पर पहुंच गया और दोपहर 12 बजे &51 दर्ज किया गया। वहीं रविवार रात 12 बजे के बाद वायु प्रदूषण का स्तर 407 पहुंच गया था। जो कि स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होता है। चिकित्सकों के अनुसार रोजाना स्मॉग का सीधा असर स्वास्थ्य पर पड़ता है। इससे सांस लेने से लेकर हड्डी रोग, त्वचा रोग भी बढ़ता है। कहा जा रहा है सुबह के समय सडक़ों पर वाहन बहुत ज्यादा होते हैं और दोपहर के समय स्कूली बसों के कारण वायु प्रदूषण स्तर बढ़ जाता है।

जानलेवा साबित हो रहा है वायु प्रदूषण
पिछले दिनों पीएम 2.5 का स्तर 500 से भी ऊपर पहुंच गया था जिससे शहरवासियों को सांस लेने में समस्या पैदा होने लगी थी। उस दौरान अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या बढ़ गई थी। उसके बाद भी स्थानीय प्रशासन की ओर से प्रदूषण को कम करने के लिए कोई खास योजना तैयार नहीं की गई।

हर साल बनता है गैस चैंबर
दीवाली के बाद हर साल शहर गैस चैंबर में तब्दील हो जाता है। वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति पर भी पहुंचने के बाद भी नगर-निगम व प्रशासन की ओर से पेड़ों पर छिडक़ाव नहीं किया जाता। बल्कि हर साल सडक़ बनाने के नाम पेड़ों की कटाई की जा रही है। जो कि सडक़ बनाने के बाद भी नहीं उगाए जाते।

राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक के अनुसार 
समय और दिन सूचकांक
रविवार रात 12 बजे &77
04 बजे 338
06 बजे 343
08 बजे 338
10 बजे 352
12 बजे 351
01 बजे 315
फरीदाबाद में दिल्ली की ओर से हवा आ रही है और वहां वायु प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। जिससे फरीदाबाद में भी वायु प्रदूषण बढ़ रहा है। सुबह के समय यह इसलिए बढ़ता है क्योंकि उस समय सडक़ों पर वाहन बहुत ’यादा होते हैं।
– पी के एम के दास, प्रदूषण विभाग के अधिकारी

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