टुडे भास्कर डॉट कॉम
फरीदाबाद। इस बार 29 वें सूरजकुण्ड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले में पहली बार शिरकत रहे मंगोलिया देश ने भी अपना स्टाल स्थापित किया है, जिसमें वह अपने देश के रीति-रिवाजों और वहां की विरासत को यहां पर प्रदर्शित कर रहे हैं।
इसी कडी में हट नंबर एफसी-26 की संचालिका ईची, जो मंगोलिया से यहां आई है, का कहना है कि उन्होंने अपने इस स्टाल में मंगोलिया की हाथ की गई कढाई को दर्शाया है और वहां की विरासत की चीजों को यहां लोगों की जानकारी के लिए प्रदर्शित किया है।
उनका कहना है कि हालांकि उनके इस स्टाल में बिक्री के लिए इतना कुछ नहीं है परंतु मंगोलिया और उसके विरासत के प्रचार-प्रसार के लिए यहां इन वस्तुओं को प्रदर्शित किया गया है। उन्होंने बताया कि मंगोलिया में तैयार की जाने वाली प्रत्येक वस्तु चंगेज खान के नाम को समर्पित की जाती है।
ईची ने बताया कि उन्होंने यहां मंगोलिया में बच्चों और व्यकितयों पर लगाया जाने वाला कीमी राऊंड स्टीच बैग है जो मंगोलिया की एक विशेष पहचान है, जिसमें हाथ से कढाई करके चिन्ह तैयार किया गया है जिसका तात्पर्य लंबी उम्र से है। यह बैग शुद्ध सिल्क से तैयार किया जाता है जो उतम गुणवतता से तैयार किया जाता है। इस बैग की कीमत यहां भारत में लगभग 1000 रुपए हैं, जिस पर पूर्ण रूप से हाथ का काम किया जाता है। इन बैंग को तैयार करने में दो से तीन सप्ताह का समय लग जाता है और अधिक से अधिक 6 मास का समय लग जाता है।
इसी प्रकार, ईची ने मंगोलिया के व्यकितयों द्वारा पहने जानी वाली एक परंपरागत बैल्ट भी दिखाई जो बहुत बडी और भारी किस्म की थी। जिसकी कीमत लगभग यहां पर एक लाख रुपए है। इसके अलावा, भेड की ऊन से तैयार सजावटी सामान भी उनके स्टाल में दिखाई गए हैं। ईची ने बताया कि उन्होंने अपने इस स्टाल में मंगोलिया का झंडा, मंगोलिया का राष्ट्रीय पक्षी, राष्ष्ट्रीय जीव, राष्ट्र गान जो कि वर्टीकल में रखा गया है, मंगोलिया का नकशा आदि भी लोगों की जानकारी के रखा है।
ईची ने बताया कि इंडिया इज ग्रेट कंट्री एंड कलाइमेट आर औसम। ईची यहां पर बहुत खुश है कयोंकि यहां का वातावरण और बहुत ही प्यारे लोग है। उन्हें खुशी है कि हरियाणा पर्यटन विभाग औ सूरजकुण्ड मेला प्राधिकरण ने उन्हें यह अवसर प्रदान किया है।