-बेहद कम दाम मेें होगी एंजियोग्राफी एंजियोप्लास्टी, बीपीएल कार्ड धारक मरीजों को मिलेगा मुफ्त इलाज
Yashvi Goyal
Faridabad। हृदयरोग की बीमारी से पीडि़त मरीजों को अब जिले के सरकारी अस्पताल में इलाज मिलना शुरू हो जाएगा। उन्हें इलाज के लिए निजि अस्पतालों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। निजि अस्पताल के मुकाबले बीके अस्पताल में बहुत ही कम दाम में मरीजों की एंजियोग्राफी एंजियोप्लास्टी हो सकेगी। बीके अस्पताल में कैथ लैब पूरी तरह बनकर तैयार है, मशीन लगाई जा चुकी है। महीने के अंत तक मरीजों को इलाज मिलना शुरू हो जाएगा। फिलहाल हृदय रोगियों को दिल्ली के सफदरजंग एवं ऑल इंडिया मेडिकल अस्पताल रेफर किया जाता है। जिससे मरीज को समय पर इलाज न मिलने से उसकी हालत गंभीर हो जाती थी, लेकिन बीके अस्पताल में ही इसकी सुविधा मिलने से हृदय रोगियों को काफी फायदा मिलेगा।
बीके अस्पताल में कैथ लैब यूनिट तृतीय तल पर कार्डियालाजी सेंटर में बन कर तैयार है। यह कैथ लैब पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) के तहत बनाई गई है। प्राइवेट अस्पताल में एंजियोप्लास्टी और एंजियोग्राफी करने का खर्चा डेढ़ से दो लाख रुपए के करीब आता है। बीके अस्पताल की इलाज बेहद कम रेट पर होगा। प्राइवेट में एंजियोग्राफी का खर्चा करीब 25 से 35 हजार के बीच आता है। जबकि बीके में यह सिर्फ लगभग तीन हजार रुपए की फीस पर होगा। इसके अलावा एंजियोप्लास्टी प्राइवेट अस्पतालों में डेढ़ से दो लाख रुपए में होती है। जो यहां लगभग 25 हजार रुपए में होगी। यह रेट अभी अनुमानित हैं। इनमें बदलाव संभव हैं।
तृतीय तल पर बनी है कैथ लैब
बीके अस्पताल में कैथ लैब यूनिट तृतीय तल पर कार्डियोलॉजी सेंटर में बनाई गई है। प्रदेश में कैथ लैब पीपीपी के तहत शुरू की जानी है। प्राइवेट अस्पताल में एंजियोप्लास्टी और एंजियोग्राफी करने का खर्च डेढ़ से ढाई लाख के करीब आता है। बीके में इलाज बेहद कम रेट पर होगा।
बीपीएल कार्डधारक एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को मिलेगा मुफ्त इलाज
बीके अस्पताल में कैथ लैब बनने का फायदा जिले के सभी लोगों को होगा लेकिन सबसे ज्यादा इसका फायदा बीपीएल कार्डधारक एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को मिलेगा। बीपीएल कार्ड धारक मरीजों को मुफ्त इलाज दिया जाएगा। जिससे उन्हें निजि अस्पताल में मोटी रकम नहीं चुकानी पड़ेगी।
यह सुविधा है कैथ लैब में
पांच बेड का आईसीयू, 6 बेड का सीसीयू, टीएमटी रूम, इकोरूम, ईसीजी, प्राइवेट रूम, महिला एंव पुरुष वार्ड अलग-अलग बनाए गए है। लैब में एक वीआईपी कमरा बनाया गया है। ताकि किसी भी मंत्री या विधायक को भी इसका लाभ मिल सके। सभी वार्ड में वातनुकूलित बनाया गया है ताकि मरीजों को गर्मी के मौसम में कोई परेशानी न उठानी पड़ी।