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हैदराबाद में आत्महत्या करने वाले रोहित वेमुला और देशद्रोह के आरोप में फंसे जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को न्याय दिलाने के लिए मंगलवार को कई छात्र संगठनों ने एकता मार्च निकाला. छात्रों के इस मार्च को राजनीतिक सपोर्ट मिला तो इसकी रंगत कुछ और हो गई. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी जंतर-मंतर पहुंचे और इस मार्च में शामिल हुए. राहुल ने जंतर-मंतर पर कहा कि छात्रों की आवाज दबाई जा रही है. आरएसएस और बीजेपी चाहती है कि देश में एक ही सोच हो.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सिर्फ भाषण दे रही है, अपनी नाकामियों पर कोई बात नहीं करना चाहती न सुनना चाहती. उन्होंने कहा, ‘अगर आप बीजेपी और आरएसएस की बातों से सहमत नहीं होते तो वो आपको मार डालेंगे. जैसा रोहित वेमुला के साथ हुआ.’
‘हमें ऐसा देश चाहिए जिसमें बोलने की आजादी हो’
राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें ऐसा देश नहीं चाहिए जिसमें कोई विचारधारा जबरन थोपी जाए. हमें लोगों को स्वतंत्र बोलने देना चाहिए. उन्होंने कहा, हम ऐसा सिस्टम चाहते हैं जिसमें किसी की आवाज दबाई न जाए.
उधर, कश्मीर में भी जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष के समर्थन में नारे लगे. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए.
इस मार्च में एनएसयूआई, वामदलों से जुड़े छात्र संगठन और आम आदमी पार्टी की स्टूडेंट विंग से जुड़े छात्र हिस्सा ले रहे हैं. जेएनयू में शुरू हुए बवाल के बीच पहली बार बड़ी संख्या में छात्र मार्च के दौरान तिरंगा लहराते हुए देखे गए. मार्च में शामिल छात्र ‘बीजेपी और मोदी सरकार मुर्दाबाद’ के नारे लग रहे हैं. आम आदमी पार्टी के नेता पहले ही जंतर मंतर पहुंच चुके हैं.