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कर्नाटक सरकार ने 10 नवंबर को टीपू सुल्तान की जयंती मनाने का ऐलान क्या किया, उसके बाद बवाल खड़ा हो गया। हिंदूवादी संगठनों के विरोध के बाद शुरू हुआ विवाद अब थमने का नाम नहीं ले रहा है। आज जहां पहले ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित नाटककार और अभिनेता गिरीश कर्नाड को कलबुर्गी की तरह जान से मारने की धमकी मिली, तो वहीं मैसूर-कोडागू से बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा को एक फेसबुक पेज के जरिए जान से मारने की धमकी दी गई।
सांसद ने इसकी शिकायत पुलिस में की है। ‘टीपू सुल्तान’ के नाम से बने फेसबुक पेज पर प्रताप के लिए धमकी भरा पोस्ट डाला गया, जिसमें सांसद प्रताप सिम्हा की फोटो डालकर कन्नड़ भाषा में लिखा है, ‘अगर तुमने ऐंटी मुस्लिम बयान देकर राजनीति करना जारी रखा, तो तुम्हारा भी वही अंजाम (मौत) होगा।’
इस फेसबुक पोस्ट में दो दिन पहले हिंसा में मरे वीएचपी नेता कुटप्पा की फोटो के साथ सांसद प्रताप सिम्हा की फोटो भी लगाई गई है। इस पोस्ट पर सिम्हा ने भी कॉमेंट किया और लिखा कि वीएचपी नेता कुटप्पा की मौत अपने आप नहीं हुई थी, राज्य सरकार मामले की जांच कर रही है।
पोस्ट के टाइटल में लिखा है, ‘प्रताप अपना हश्र ऐसा (कुटप्पा जैसा) नहीं चाहते होंगे।’ पुलिस कमिश्नर बी. दयानंद ने भी सांसद की ओर से धमकी मिलने की मौखिक शिकायत किए जाने की पुष्टि की है। धमकी के बाद सांसद के घर के आस-पास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सांसद गुरुवार को लिखित कंप्लेंट दर्ज करवा सकते हैं।
वहीं, गिरीश कर्नाड को कलबुर्गी की तरह जान से मारने की धमकी मिली है। कर्नाड को धमकी दी गई है कि उनका भी वही हाल होगा, जो कन्नड़ लेखक एमएम कलबुर्गी का हुआ था। कलबुर्गी की अगस्त में हत्या कर दी गई थी।
किसी अज्ञात चंद्रा नाम के एक व्यक्ति ने ट्वीट कर यह धमकी दी है। हालांकि इस व्यक्ति ने अपना ट्वीट हटा लिया था। धमकी के बाद बुधवार को बेंगलुरु में एक बयान जारी कर कर्नाड ने कहा कि उन्होंने जो भी कहा, वह उनकी निजी राय थी। उन्होंने कहा कि इसके पीछे कोई दुर्भावना नहीं थी। अगर किसी को पीड़ा पहुंचती है तो मैं माफी मांगता हूं।
गिरीश कर्नाड के खिलाफ भाजपाइयों ने बुधवार को कर्नाटक में जगह-जगह प्रदर्शन किया। कर्नाड ने मंगलवार को बेंगलुरु में कहा था कि 18वीं सदी के मैसूर के शासक टीपू सुल्तान अगर हिंदू होते तो उन्हें मराठा शासक छत्रपति शिवाजी के समान दर्जा मिलता।
कर्नाड ने कहा था कि अगर टीपू सुल्तान हिंदू होते तो उनका भी कद मराठा शासक छत्रपति शिवाजी की तरह होता। कर्नाड ने मांग की थी कि बेंगलुरु के इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नाम टीपू सुल्तान के नाम पर रखा जाए। फिलहाल इस एयरपोर्ट का नाम विजयनगर के शासक रहे केंपेगौड़ा के नाम पर है। गिरीश कर्नाड ने यह तर्क दिया था कि केंपेगौड़ा टीपू सुल्तान की तरह फ्रीडम फाइटर नहीं थे। केंपेगौड़ा विजयनगर साम्राज्य के तहत जागीरदार थे जिन्होंने 1537 में बेंगलुरु की स्थापना की थी।
गौरतलब है कि कर्नाटक सरकार 18वीं सदी में मैसूर के शासक रहे टीपू सुल्तान की 265वीं जयंती मना रही है। भाजपा से जुड़े संगठन आरएसएस-वीएचपी इसका विरोध कर रहे हैं। टीपू को आरएसएस ने सबसे असहिष्णु शासक करार दिया है। विरोध में आरएसएस और तमाम हिंदू संगठन कर्नाटक में प्रदर्शन कर रहे हैं।