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faridabad| बिजली कर्मचारियों व अधिकारी के गलत निलम्बन के खिलाफ सैंकड़ों बिजली कर्मचारियों ने अधीक्षक अभियंता फरीदाबाद के कार्यालय का घेराव करते हुए जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया गया। सर्कल सचिव लज्जाराम की अध्यक्षता में आयोजित विरोध प्रदर्शन का संचालन यूनिट सचिव सतपाल नरवत ने किया।
विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में बिजली अधिकारी भी शामिल थे। विरोध प्रदर्शन के बाद अधीक्षण अभियंता फरीदाबाद के माध्यम से प्रबंध निदेशक दक्षिण निगम के नाम ज्ञापन दिया गया।
ज्ञापन प्रस्तुत करते समय इंजीनियर एसोसिएशन के नेता नरेेश कक्कड़, संजय मंगला, ऑल हरियाणा पॉवर कॉरपोरेशनज वर्कर यूनियन के उप महासचिव रमेशचंद, रामचरण पुष्कर, जवाहर सिंह व प्रेम सिंह रावत कनिष्ठ अभियंता विशेष रूप से उपस्थित थे। ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई कि कर्मचारियों व अधिकारी के गलत निलंबन को रद्द किया जाए।
विरोध प्रदर्शन में बोलते हुए यूनियन नेताओं ने आरोप लगाया कि एक निजी कंपनी द्वारा गलत सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराने के कारण बिजली बिलों में गलतियां पैदा हो रही हैं। बिजली अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा सॉफ्टवेयर की बार-2 शिकायत मैनेजमेंट से की गई थी। नेताओं ने बताया कि कर्मचारियों व अधिकारियों की समस्याओं को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक कार्यालय में हजारों बिल बनाए जाते हैं, जिनको व्यवहारिक तौर पर जांच करना बहुत कठिन काम है। बिजली निगम में कर्मचारियों की भारी कमी के कारण काम का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है। सांझे मंच से बोलते हुए कर्मचारी व अधिकारियों ने आरोप लगाया कि कर्मचारियों व अधिकारियों का पक्ष सुने बगैर एकतरफा कार्यवाही करके सरकार डर व भय का वातावरण पैदा करना चाहती है।
उन्होंने कहा कि उपरोक्त कार्यवाहियों के कारण बिजली अधिकारी व कर्मचारियों में भारी नाराजगी पैदा हो रही है। प्रदर्शन हमें उपस्थित कर्मचारियों व अधिकारियों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करते हुए मांग की, कि निलंबित किए गए अधिकारी व कर्मचारियों को तुरंत प्रभाव से बहाल किया जाए अन्यथा निर्णायक आन्दोलन छेड़ा जाएगा।
प्रदर्शन में इंजीनियर एसोसिएशन के नेता जोगेन्द्र हुड्डा, सचिन यादव, मनोज यादव, पंकज पंवार, नीरज दलाल, संदीप दलाल, के सी धींगड़ा, राजेश कुमार, परमाल सिंह, रमेशचंद तेवतिया, अशोक कुमार, रामभरेोसे, शब्बीर अहमद, फूलमन, रूपराम तेवतिया, मस्तराम, राजेश कुमार, करतार सिंह, जगन सिंह, सतबीर सिंह, कुलबीर सिंह, देवेन्द्र आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।