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faridabad। आशा वर्कर्स का आंदोलन 17 वें दिन में प्रवेश कर चुका है। आशा वर्करों ने आज भी अपनी आशा वर्कर्स यूनियन की जिला प्रधान हेमलता की अध्यक्षता में धरना जारी रखा। धरने पर आशा वर्कर्स यूनियन व सरकार के बीच बाद दोपहर शुरू हुई वार्ता को लेकर आशा वर्करों में भारी जिज्ञासा देखने को मिली। आशा यूनियन ने रोज की भांति हरियाणा सरकार व स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
धरने पर बैठी आशा वर्करों को संबोधित करते हुए सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास़्त्री, राज्य महासचिव सुभाष लाम्बा ने सरकार व स्वास्थ्य विभाग को चेतावनी देते हुए कहा कि आशा वर्कर्स के आंदोलन को कमजोर करने के लिए सरकार व स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी विभिन्न प्रकार के हथकंडे अजमा रहे है लेकिन आशा वर्कर्स मजबूती से आंदोलन में रूकी हुई है। सरकार को हठधर्मिता छोड़ आशा वर्कर्स की न्यायोचित मांगों का बातचीत के माध्यम से निवारण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार आशा वर्कर्स को अकेला न समझे। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के हजारों कर्मचारी उनके साथ है।
धरने में सीआईटीयू के जिला प्रधान निरंतर पाराशर, राज्य नेता विजय झा, लालबाबू शर्मा, सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के जिला प्रधान अशोक कुमार, फरीदाबाद ब्लाक के वरिष्ठ उपप्रधान करतार सिंह, निगम के सफाई कर्मचारी यूनियन के प्रधान बलवीर सिंह बालगुहेर सहित अन्य नेताओं ने जोरदार समर्थन किया।
धरने को संबोधित करते हुए आशा वर्कर्स यूनियन की जिला प्रधान हेमलता, कोषाध्यक्ष रेनू रावत ने कहा कि आशा वर्कर्स के रूप मे काम करने वाली महिलाएं समाज के उत्थान हेतू कार्य करती है लेकिन सरकार आशाओं के साथ निराशा भरा व्यवहार कर महिलाओं का शोषण कर रही है। सरकार अन्तोदेय का नारा दे रही है लेकिन सरकार समाज की अन्तिम छोर पर खड़ी आशा वर्कर्स के रूप में काम कर रही गरीब, मंझले किसान की बेटी, पिछडा वर्ग, अनुसूचित जाति की दलित महिलाएं बड़ी संख्या में शोषण कर रही है। उन्होंने कहा कि चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक आशाओं को फिक्स न्यूनतम वेतन, पक्के कर्मचारी का दर्जा, सामाजिक सुरक्षा कानूनों का लाभ व अन्य मांगों का निराकरण नहीं होगा तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
आज के धरने में पूजा गुप्ता, सुशीला, प्रवीन, रेखा, अनीता, मंजू, शंकुतला सहित सैकड़ों महिलाएं उपस्थित थी।