हार्ट अटैक से अरविन्द की मौत 

हार्ट अटैक से अरविन्द की मौत 
dead body

Todaybhaskar.com
Desk| भाकपा माओवादी के शीर्ष नेता एक करोड़ रुपए के इनामी नक्सली अरविंद की बुधवार को हार्ट अटैक से मौत हाे गई। वह पिछले कई महीने से झारखंड-छत्तीसगढ़ सीमा पर स्थित बूढ़ा पहाड़ पर ठिकाना बनाए हुए था। अपने विशेष दस्ता में शामिल 200 हथियारबंद नक्सलियों से घिरा रहता था। पुलिस के साथ कई बार मुठभेड़ हुई, मगर वह बच निकलता था। पांच राज्य झारखंड, छत्तीसगढ़, बिहार, मध्यप्रदेश और बंगाल का मोस्टवांटेड अरविंद माओवादियों के पोलित ब्यूरो का मेंबर भी था। झारखंड पुलिस प्रवक्ता और एडीजी अभियान आरके मल्लिक ने बताया कि अरविंद की मौत की सूचना मिली है। संबंधित जिले के एसपी से पुष्टि कर रहे हैं।
पोलित ब्यूरो सदस्यों ने वर्ष 2010 के बाद झारखंड में संगठन को मजबूत बनाने की जिम्मेवारी अरविंद को दी। वह 2012 के अंत में बिहार के गया और चतरा होते हुए झारखंड पहुंचा।
राज्य के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा करने के बाद उसने संगठन का बेस कैंप ओड़िशा और गुमला की सीमा पर स्थित बूढ़ा पहाड़ पर तैयार करने का निर्णय लिया। यह इलाका भौगोलिक कारणों से काफी सुरक्षित है।
अरविंद जब बाहर निकलता था तो 100 मीटर की दूरी पर नक्सली सुरक्षा में तैनात रहते थे। इस वजह से पुलिस के आने की भनक अरविंद को पहले ही मिल जाती थी।

150 से अधिक केस दर्ज
बिहार-झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी प्रमुख अरविंद पर 150 मामले दर्ज हैं। इसका नाम देव कुमार सिंह, उर्फ अरविंद उर्फ विकास उर्फ श्रवण उर्फ निशांत उर्फ सुजीत था। बिहार के जहानाबाद के सुकुल-चाक का मूल निवासी था। पटना विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर अरविंद की प|ी प्रभावती आंगनबाड़ी सेविका है। उसे भी 2012 में नक्सलियों को लेवी पहुंचाने के मामले में गिरफ्तार किया गया था।

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