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वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के पांच अन्य नेताओं के खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत के मामले में दिल्ली की एक अदालत में मंगलवार को अपना बयान दर्ज करा दिया.
वित्तमंत्री अरूण जेटली मंगलवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट पहुंचे. जहां उन्होंने मुख्य मेट्रोपाॅलिटन मजिस्ट्रेट संजय खनगवाल के समक्ष बयान दर्ज कराते हुए बताया कि केजरीवाल और अन्य पांच लोगों ने उनके और उनके परिवार के खिलाफ ‘झूठे’ और ‘अपमानजनक’ बयान दिए थे.
कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत आए जेटली ने यह भी कहा कि ये बयान इसलिए दिए गए हैं ताकि केजरीवाल के साथ काम करने वाले एक व्यक्ति विशेष के खिलाफ सीबीआई जांच से ध्यान भटकाया जा सके.
सुनवाई के दौरान सुरक्षाकर्मियों ने किसी भी मीडियाकर्मी को अदालत कक्ष में दाखिल नहीं होने दिया. बंद कमरे में हो रही इस सुनवाई में सिर्फ वकीलों को ही मौजूद रहने की अनुमति दी गई.
गौलतलब है कि जेटली ने 21 दिसंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और ‘आप’ के पांच अन्य नेताओं कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह, राघव चड्ढा और दीपक बाजपेयी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था.
जेटली ने अदालत से इन लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने का अनुरोध किया था. कानून में इन अपराधों के लिए दो साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है. यह शिकायत भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की गई थी, जिनमें धारा 499 (मानहानि), 500 (सजा), 501 और 502 (अपमानजनक सामग्री का मुद्रण एवं बिक्री) शामिल है.
अपनी शिकायत में जेटली ने कहा था कि मुख्यमंत्री केजरीवाल और ‘आप’ के अन्य नेताओं ने साझा इरादे के तहत राजनीतिक लाभ लेने के लिए 15 दिसंबर से उनके और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ एक झूठा, द्वेषपूर्ण और अपमानजनक अभियान चलाया, जिससे उन्हें अपूर्णनीय क्षति हुई है.