राजस्थानी कल्चर का मोती अरुण बजाज

राजस्थानी कल्चर का मोती अरुण बजाज
arun bajaj faridabad,

-राजस्थान एसोसिएशन के प्रधान अरुण बजाज से खास मुलाकात
यशवी गोयल
faridabad।जैसे राजस्थान को राजा-रानियों का शहर कहा जाता है। जहां खाने से लेकर पहनावे तक में विशिष्टि संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। वही झलक और परंपरा फरीदाबाद में भी स्थापित करने में राजस्थान एसोसिएशन विशेष प्रयास कर रही है। हमने राजस्थानी संस्कृति के मोती और राजस्थान एसोसिएशन के प्रधान अरूण बजाज से की खास मुलाकात:
राजस्थान एसोसिएशन के प्रधान अरूण बजाज ने बताया कि राजस्थान बहुत ही ऊंची और विशिष्ट संस्कृति का शहर है। राजस्थान राजा-रानी व शूरवीरों के नाम से जाना जाता है, जहां के योद्धाओं ने मुगलों व अंग्रेजों से लोहा लिया था। उन्होंने बताया कि वह काम के सिलसिले में सन् 1983 में राजस्थान से फरीदाबाद आए और यहीं के होकर रह गए।
अरूण बजाज कहते हैं कि फरीदाबाद में राजस्थान के लोग तो शुरू से ही थे लेकिन बिखरे हुए थे, जिसको लेकर जानकीलाल गाडोदिया ने 3 अक्टूबर 1976 में राजस्थान एसोसिएशन की स्थापना की। 1978 में संस्था के सदस्यों की संख्या केवल 98 थी, जिनकी संख्या आज बढक़र हजार तक पहुंच गई है। अरूण बजाज ने बताया कि इस शहर को बसाने में भले ही पंजाबियों का नाम लिया जाता हो लेकिन राजस्थान के लोगों ने शहर को उद्योग के रूप में बड़ी-बड़ी कंपनियां दी हैं। राजस्थान एसोसिएशन के द्वारा सामाजिक कार्यो में भी भाग लिया जाता है। वहीं राजस्थान के मशहूर व्यंजन दालबाटी-चुरमा व त्यौहार डांडिय़ा व गणगौर पूजा भी शहर में अपना स्थान बना चुके हैं।
हमारी ओर से अरुण बजाज को अनेक शुभकामनाएं हैं कि वह जीवन में पूर्ण समृद्धि के साथ जीएं और देश, धर्म, समाज व संस्कृति के लिए अपने प्रयासों को जारी रखें।

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