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पणजी। हाल ही में बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान के देश में बढती असहिष्णुता के मुद्दे पर दिए गए बयान के बाद एक बार फिर से बहस छिड़ गई है। अनुपम खेर, अरविंद केजरीवाल, रामगोपाल वर्मा, रवीना टंडन, शशि थरूर, शाहरुख आदि के बाद अब मशहूर संगीतकार एआर रहमान भी इसमें कूद पड़े हैं। उन्होंने यह कह कर विवाद को ओर बढा दिया कि कुछ महीने पहले उन्हें भी आमिर खान जैसे हालात का सामना करना पड़ा था।
गौरतलब है कि आमिर ने सोमवार को कहा था कि देश का माहौल देखकर उनकी पत्नी किरण राव ने एक बार पूछा था कि क्या उन्हें देश छोड़ देना चाहिए। जिसके बाद लोगों ने बयान बाजी शुरू कर दी और कुछ लोग आमिर के विरोध में और समर्थन में आ गए हैं। ऐसे ही कुछ हालात ऑस्कर विजेता रहमान ने कहा है कि कुछ महीने पहले उन्हें भी आमिर खान जैसे हालात का सामना करना पड़ा था।
वे 46वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया में मंगलवार को पणजी में हो रहे समारोह में मौजूद थे। उन्होंने कहा कि कुछ महीने पहले वह भी इसी हालात से गुजरे हैं। मुंबई की रजा अकादमी द्वारा जारी किए गए एक फतवे का रेफरेंस देते हुए उन्होंने कही। उन्हें यह फतवा ईरानी फिल्म मोहम्मद:मैसेंजर ऑफ गॉड में म्यूजिक देने के कारण दिया गया था। यह ईरान की सबसे महंगी फिल्म थी जिसकी कॉस्ट 253 करोड़ थी।
इस फिल्म को मशहूर ऑस्कर विनर डायरेक्टर माजिद मजीदी हैं। फिल्म में पैगंबर साहब के बचपन की स्टोरी दिखाई गई है। हालांकि उनका रोल करने वाले एक्टर का चेहरा नहीं दिखाया गया है सिर्फ परछाईं दिखाई गई है। लेकिन फतवे में कहा गया था कि ईरानी फिल्म ने इस्लाम का मजाक उड़ाया है। जो मुस्लिम मजीदी और रहमान इस फिल्म में काम कर रहे हैं वो नापाक हो गए हैं उन्हें फिर से कलमा पढऩे की जरूरत है।
रहमान ने आगे कहा कि कुछ भी हिंसक नहीं होना चाहिए। हमें दुनिया को यह दिखाना चाहिए कि भारत में बेस्ट सिविलाइजेशन है। हमें पूरी दुनिया को बताना चाहिए की हम महात्मा गांधी के देश से हैं। गांधीजी ने कहा था कि हिंसा के बिना भी हम कैसे बदलाव ला सकते हैं।