क्षत्रिय समाज के मौजिज व्यक्तियों ने राजनीति में कम हिस्सेदारी पर जताई चिंता
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फरीदाबाद। अपने स्वार्थरहित बलिदान से राष्ट्रीय विकास में अभूतपूर्व हिस्सेदारी एवं अपार शौर्य के कारण ही राजपूत समाज को एक विशिष्टता प्राप्त है लेकिन राजनीति में नगण्य हिस्सेदारी के कारण समाज में रोष और असंतोष फैला हुआ है। यह बात आज क्षत्रिय राजपूत एकता समन्वय समिति के सदस्यों ने प्रेस वार्ता में कही।
सेक्टर 8 स्थित महाराणा प्रताप भवन में समिति के मौजिज सदस्य पूर्व आईएएस एचएस राणा ने मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था में समाज की नगण्य हिस्सेदारी पर असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राजपूत शब्द वीरता, वफादारी, बलिदान के लिए लिया जाता है लेकिन क्षत्रिय समाज के साथ मौजूदा राजनैतिक व्यवस्था न्यायकारी नहीं है। समाज का इतिहास सुनहरे शब्दों में अंकित है लेकिन आज विभिन्न राजनैतिक दल इस वर्ग को नजरअंदाज करते दिखते हैं।
वक्ताओं ने कहा कि क्षत्रिय समाज की महिलाएं भी आवश्यकता पडऩे पर अपने प्राणों की आहुति देने से पीछे नहीं हटतीं और आन बान शान का सवाल आता है तो युद्ध के मैदान में चूडिय़ां वाले हाथ तलवार लेकर बहादुरी से लड़ते हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा के फरीदाबाद, गुडग़ांव, भिवानी, करनाल और अंबाला लोकसभा क्षेत्रों में राजपूतों के 12 लाख से अधिक वोट हैं। हरियाणा के 35 विधानसभा क्षेत्रों में 7 हजार से 30 हजार तक वोटर हैं। हरियाणा के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में लगभग 10 विधायक अलग अलग समय पर निर्वाचित हो चुके हैं इनमें टीका जगजीत सिंह, नारायण सिंह, जय सिंह राणा, सत्येंद्र राणा, बहादुर सिंह, विजय पाल सिंह, शारदा रानी, कंवर गुरुदत्त सिंह, रामपाल सिंह, रेखा राणा, ठाकुर वीर सिंह, शशि रंजन पवार, बिशन सिंह आदि नाम शामिल हैं।
लेकिन मौजूदा राजनैतिक व्यवस्था इस वर्ग को नजरअंदाज कर रही है जिससे समाज के लोगों को अपने वर्ग के उत्थान के कार्य करने का अवसर प्राप्त नहीं हो रहा है। सभी ने राजनीति में उचित भागीदारी की मांग की। इस अवसर पर श्रीराम रावत, प्रताप भाटी, ठाकुर राजा राम, राजेश रावत, के पी सिंह, राजवीर सिंह, रेनू चौहान, वीरेंद्र गौड, ओ पी भाटी, विकास चौहान, उदयवीर सिंह, प्रदीप राणा, भोली सरपंच आदि मौजूद रहे।
फोटो- बल्लभगढ़ के महाराणा प्रताप भवन में प्रेस को संबोधित करते क्षत्रिय समाज के व्यक्ति।