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आगरा। ताजमहल, 1648 में बनी दुनिया की सबसे खूबसूरत इमारतों में से एक। मुगल सम्राट शाहजहां और मुमताज महल के प्रेम की निशानी। यूनेस्को की विश्व धरोहरों की में लिस्ट में शामिल। ताजमहल को पूरी दुनिया जानती है। कहती है ‘वाह ताज’ लेकिन अब ये बोल बदल सकते हैं। क्योंकि अब इतनी सदियों बाद सियासत इस बात पर शुरू हो गई है कि किसका है ताज। ताज है या तेजो मकबरा है या मंदिर।
ताजमहल को वक्फ बोर्ड के हवाले किए जाने की मांग के बीच उत्तर प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने ये कहकर विवाद को नया मोड़ दे दिया कि ताजमहल प्राचीन तेजो महालय मंदिर का हिस्सा है। बहराइच में मीडिया से बात करते हुए वाजपेयी ने दावा किया कि मुगल शासक शाहजहां ने मंदिर की कुछ जमीन को राजा जयसिंह से खरीदा था और इससे जुड़े दस्तावेज अब भी मौजूद हैं।
वाजपेयी ने आरोप लगाया कि वक्फ की संपत्तियों पर कब्जा जमाये बैठे उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री आजम खां की नजर अब विश्व विरासत इमारत ताजमहल पर है। उन्होंने कहा कि ताजमहल में पांच वक्त की नमाज पढ़ने का आजम का सपना कभी नहीं पूरा हो पाएगा।
आपको बता दें कि यूपी के वक्फ मंत्री आजम खां ने 13 नवंबर को हुए एक सम्मेलन में कहा था कि ताजमहल को केंद्रीय वक्फ बोर्ड की संपत्ति बनाकर इमारत की देखरेख की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी जाए। पिछले कुछ दिनों से इस बात की मांग होने लगी थी कि ताजमहल को वक्फ की संपत्ति घोषित करके वहां नमाज और मोहर्रम के दौरान मातम की इजाजत दी जाए। इस विवाद पर शिया धर्मगुरुओं ने कहा था कि विश्व इमारतों को ऐसे विवाद से दूर रखा जाना चाहिए।
कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा कि सरकार और सत्ता पक्ष को विवादों से दूर रहना चाहिए। जो वायदे किए हैं उसे पूरा करें ना कि जनता ध्यान इधर उधर भटकाएं।
बीजेपी नेता साक्षी महाराज ने कहा कि लक्ष्मीकांत बाजपेयी जी ने कोई नई बात नहीं है। मुझे लगता है कि गीता कोई सांप्रदायिक ग्रंथ नहीं है। गीता दर्शन राष्ट्रवाद का दर्शन देता है।
जेडीयू नेता शरद यादव ने कहा कि ये मानेंगे नहीं, एक के बाद तमाशा करेंगे। इनका काम है कि किसी तरह से सबको साथ लेकर चलने का संविधान में जो आदेश है उसे बिगाड़ते रहें। ये लोग रोज कुछ ना कुछ करते हैं।
बहुजन समाजवादी पार्टी की मुखिया मायावती ने कहा कि लक्ष्मीकांत बाजपेयी अगर ऐसी मांग कर रहे हैं तो उन्हें इतिहास की जानकारी नहीं है।
आगरा। ताजमहल, 1648 में बनी दुनिया की सबसे खूबसूरत इमारतों में से एक। मुगल सम्राट शाहजहां और मुमताज महल के प्रेम की निशानी। यूनेस्को की विश्व धरोहरों की में लिस्ट में शामिल। ताजमहल को पूरी दुनिया जानती है। कहती है ‘वाह ताज’ लेकिन अब ये बोल बदल सकते हैं। क्योंकि अब इतनी सदियों बाद सियासत इस बात पर शुरू हो गई है कि किसका है ताज। ताज है या तेजो मकबरा है या मंदिर।
ताजमहल को वक्फ बोर्ड के हवाले किए जाने की मांग के बीच उत्तर प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने ये कहकर विवाद को नया मोड़ दे दिया कि ताजमहल प्राचीन तेजो महालय मंदिर का हिस्सा है। बहराइच में मीडिया से बात करते हुए वाजपेयी ने दावा किया कि मुगल शासक शाहजहां ने मंदिर की कुछ जमीन को राजा जयसिंह से खरीदा था और इससे जुड़े दस्तावेज अब भी मौजूद हैं।
वाजपेयी ने आरोप लगाया कि वक्फ की संपत्तियों पर कब्जा जमाये बैठे उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री आजम खां की नजर अब विश्व विरासत इमारत ताजमहल पर है। उन्होंने कहा कि ताजमहल में पांच वक्त की नमाज पढ़ने का आजम का सपना कभी नहीं पूरा हो पाएगा।
आपको बता दें कि यूपी के वक्फ मंत्री आजम खां ने 13 नवंबर को हुए एक सम्मेलन में कहा था कि ताजमहल को केंद्रीय वक्फ बोर्ड की संपत्ति बनाकर इमारत की देखरेख की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी जाए। पिछले कुछ दिनों से इस बात की मांग होने लगी थी कि ताजमहल को वक्फ की संपत्ति घोषित करके वहां नमाज और मोहर्रम के दौरान मातम की इजाजत दी जाए। इस विवाद पर शिया धर्मगुरुओं ने कहा था कि विश्व इमारतों को ऐसे विवाद से दूर रखा जाना चाहिए।
कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा कि सरकार और सत्ता पक्ष को विवादों से दूर रहना चाहिए। जो वायदे किए हैं उसे पूरा करें ना कि जनता ध्यान इधर उधर भटकाएं।
बीजेपी नेता साक्षी महाराज ने कहा कि लक्ष्मीकांत बाजपेयी जी ने कोई नई बात नहीं है। मुझे लगता है कि गीता कोई सांप्रदायिक ग्रंथ नहीं है। गीता दर्शन राष्ट्रवाद का दर्शन देता है।
जेडीयू नेता शरद यादव ने कहा कि ये मानेंगे नहीं, एक के बाद तमाशा करेंगे। इनका काम है कि किसी तरह से सबको साथ लेकर चलने का संविधान में जो आदेश है उसे बिगाड़ते रहें। ये लोग रोज कुछ ना कुछ करते हैं।
बहुजन समाजवादी पार्टी की मुखिया मायावती ने कहा कि लक्ष्मीकांत बाजपेयी अगर ऐसी मांग कर रहे हैं तो उन्हें इतिहास की जानकारी नहीं है।