शहर में लगेगा वायु परिवेशी गुणवत्ता मोनिटरिंग स्टेशन

शहर में लगेगा वायु परिवेशी गुणवत्ता मोनिटरिंग स्टेशन
cabinet minister vipul goel,
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Yashvi Goyal
Faridabad| हरियाणा के पर्यावरण तथा जलवायु परिवर्तन मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड प्रदेश के सभी जिलों में सतत वायु परिवेशी गुणवत्ता मोनिटरिंग स्टेशन लगाएगा। इनमें चार जिलों पंचकूला, फरीदाबाद, गुरूग्राम एवं रोहतक में ये मोनिटरिंग स्टेशन स्थापित कर दिए गए हैं जबकि शेष में लगाने की प्रक्रिया चल रही है। हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा राज्य के  अंदर बहने वाली नदियों तथा ड्रेनों की 20 स्थानों पर जल गुणों की भी नियमित जांच की जा रही है।
श्री गोयल आज विधानसभा में एक विधायक द्वारा राज्य में धान की पराली को जलाने तथा औद्योगिक प्रदूषण के नियंत्रण के लिए उठाए गए कदमों बारे पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने राज्य में ठूंठी जलाने से रोकने के लिए राष्टï्रीय हरित प्राधिकरण के आदेशों को लागू करने तथा पुनरीक्षण करने के लिए एक राज्य स्तरीय समिति गठित की गई है। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार ने राष्टï्रीय राजधानी क्षेत्र के जिलों में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए राष्टï्रीय हरित प्राधिकरण के आदेशों को लागू करने के लिए कृषि, पंचायत, राजस्व, पुलिस विभाग तथा हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को मिलाकर उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समितियां भी गठित की गई हैं।
उन्होंने बताया कि सरकार ने सभी उपायुक्तों को निर्देश जारी किए हैं कि वे ग्राम सचिवों तथा पटवारियों को निर्देश दें कि फसल कटाई के मौसम के दौरान गेहूं की ठूंठी या धान की पराली तथा अन्य कृषि अवशेषों को खुले खेतों में जलाने की घटना के 30 मिनट के अंदर सूचना दें, अगर इस बारे में सूचना देने में वे असफल रहते हैं वह उनके कर्तव्य के प्रति लापरवाही समझी जाए। उन्होंने बताया कि वर्ष 2016 में 19.38 लाख रूपए तथा वर्ष 2017 में 42.17 लाख रूपए का पर्यावरणीय हर्जाना एकत्रित किया गया।  इनके अलावा निर्देशों का उल्लंघन करने के मामले में 236 एफ.आई.आर दर्ज की गई।
पर्यावरण तथा जलवायु परिवर्तन मंत्री ने बताया कि हरियाणा सरकार ने भारत सरकार के पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जलवायु परिवर्तन के लिए राष्टï्रीय अनुकूलन निधि के अधीन धान की पराली को जलाने पर रोक लगाने के लिए हरियाणा में जलवायु स्मार्ट गांवों हेतु जलवायु समुत्थानशील कृषि अभ्यास को स्कूलिंग-अप करने के लिए एक परियोजना शुरू की है।

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