-श्री श्रद्धा रामलीला कमेटी के मंच पर दिखाया गया भगवान श्रीराम का जन्म
Yashvi Goyal
फरीदाबाद। मैं ही हूं जिससे फलक तक खौफ खाता है। मैं ही हूं जिससे कुर्राये अर्ज भी थर थर्राता है। हुक्म से मेरे ये सूरज जगत को जगमगाता है। मेरी ही आज्ञा से ये चांद भी गर्दिश लगाता है। हस्ती हो परमात्मा की छीन ले वो मुझ से राज। कुछ भी ताकत हो जो उसमें देख ले वो जलवा आज। लंका का राजा हूं मैं, हर तरह मुख्तयार है….। यह संवाद रावण अपनी सभा में विभिषण को कहता है।
विभिषण रावण को समझाते हुए कहता है, गुरूर के कलमे ओ रावण बहुत जल्दी छोड़ दे। रास्ती अखत्यार कर और कर्जवी को छोड़ दे। परमात्मा मालिक है सब का जिसका ये सब नूर है। उस नूर को तू देख अंदर बद इरादे छोड दें….।
यह दृश्य सेक्टर-15 स्थित श्री श्रद्धा रामलीला कमेटी में रामलीला मंचन के दूसरे दिन दिखाया गया। कमेटी के डायरेक्टर अनिल चावला ने बताया कि इस दिन राम जन्म का दृश्य बहुत ही सुंदर रूप में दिखाया गया।
दूसरी ओर रावण के राक्षस ऋषियों का खून राजा जनक की नगरी में गाड़ देते हैं और राजा जनक की नगरी में अकाल पडऩे लगता है राजा जनक की सभा में प्रजा आकर कहती है। महाराज….दुहाई है, दुहाई है। राजा जनक ने कहा यह हाहाकार कैसी। प्रजा आकर राजा जनक को बताती है महाराज भयंकर अकाल के कारण सब लोग भूखे मर रहे हैं। राजा जनक अपने गुरु को बुलाते हैं और अकाल के बारे में बताते हैं। गुरु ने कहा कि तुम सोने का हल बनवाकर उससे खेती करों। राजा जनक स्वयं खेतों में हल चलाते हैं। उसी दौरान उन्हें नवजात पुत्री मिलती है।
वहीं तीसरे दृश्य में राजा दशरथ के महल में रानी केकई, कौशल्या, सुमित्रा ने राम, लक्ष्मण, शत्रुघ्न, भरत को जन्म दिया। अयोध्या में पुत्रों के जन्म के बाद खुशियां मनाई गई। इस दौरान रामलीला में दर्शकों की भीड़ उमड़ पड़ी। रावण की भूमिका में श्रवण चावला, दशरथ की भूमिका में अजय खरबंदा, विभिषण की भूमिका में राजकुमार ढींगड़ा, केकई की भूमिका में मोनिक भाटिया, कोशल्या की भूमिका में तान्या भाटिया, सुमित्रा की भूमिका में रूशाली भाटिया, जनक की भूमिका में दिनेश सहगल ने निभाई।